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प्रसूति अवकाश के बाद भी लगा दी शिक्षिका की चुनाव ड्यूटी

डिजिटल डेस्क, सतना। 25 दिन का बच्चा हाथों में लिए जब एक महिला शिक्षक चुनावी ड्यूटी का प्रशिक्षण प्राप्त करने पहुंचे, तो सभी उसे देखने लगे। दरअसल महिला को निर्वाचन कार्य में लगा दिया गया है, जबकि वह प्रसूति अवकाश पर चल रही है। अपने संबंधित अधिकारियों को भी इस संबंध में जानकारी दी, लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं की। कार्रवाई के डर से महिला अपने साथ बच्चे को भी प्रशिक्षण प्राप्त करने लेकर आ गयी। महिला प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है, तो वहीं उसका पति अब जिला निर्वाचन अधिकारी से ड्यूटी कटवाने गुहार लगा रहा है। जानकारी के मुताबिक शिक्षिका के रूप में काम करने वाली सीमा निगम ने प्रसूति अवकाश के लिए आवेदन दिया था। 29 सितम्बर से उनकी मेटरनिटी लीव स्वीकृत हो गई। इसके बाद उन्होंने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। प्रसव के कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि उनको निर्वाचन कार्य के लिए प्रशिक्षण लेना होगा। वह अपने 25 दिन के बच्चे के साथ प्रशिक्षण लेने पहुंचीं।
प्रसूति अवकाश के बाद भी निर्वाचन कार्य की ट्रेनिंग मेें नाम आने से श्रीमती निगम बेहद परेशान हैं। हालांकि उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर निर्वाचन ड्यूटी से नाम काटने की अर्जी दी है। अधिकारी ने भरोसा दिया है कि उनके आवेदन पर सुनवाई जरूर होगी। निर्वाचन कार्य में लगाए गए अधिकारी-कर्मचारियों में 80 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव ड्यूटी से राहत मांगी है। इनमें से 60 फीसदी शिक्षकों ने इस तरह का आवेदन लगाया है। चुनाव कार्य से ड्यूटी हटाने के लिए उन्होंने अपनी-अपनी गंभीर बीमारियों का हवाला दिया है। ज्यादातर शिक्षकों ने कैंसर और हार्ट डिसीज जैसी बीमारियों का उल्लेख किया है। निर्वाचन कार्य से ड्यूटी कटवाने का आवेदन लगाने वाले कर्मचारियों को अपर कलेक्टर अमर बहादुर सिंह ने दो टूक कह दिया है कि यदि चुनाव ड्यूटी से राहत पानी है तो उन्हें जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र लाना होगा। मेडिकल बोर्ड का सर्टिफिकेट जमा करने के लिए 1 नवम्बर की डेडलाइन तय की गई है। यानि इस दिन तक हर हाल में मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्र देना होगा।
Created On :   27 Oct 2018 1:27 PM IST