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एचआईवी से डराकर छीना महिला का बच्चा, नवजात को 2.75 लाख में बेचा

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । एक महिला की प्रसूति के बाद पड़ोसी महिला ने महिला को घर ले जाने के बजाय एक होटल में ले जाकर उसे एचआईवी होने की बात से डराकर उससे नवजात शिशु लिया और 2 लाख 75 हजार रुपए में बेचने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें नागपुर की दो महिला नर्स समेत 3 महिलाओं का समावेश है। इस कार्रवाई को एलसीबी की टीम ने कुछ घंटे में ही अंजाम दिया। दरम्यान रविवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जिसमें उन्हें एक दिन पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए गए हैं, ऐसी जानकारी रामनगर पुलिस थाने के पीएसआई गोपाले ने दी। चंद्रपुर की श्यामनगर निवासी मीना राजू चौधरी (34), बल्लारपुर निवासी जाबिर रफिक शेख (32), चंद्रपुर के िभवापुर वार्ड निवासी अंजुम सलीम सैयद (43), नागपुर निवासी वनिता मूलचंद कावडे (39), नर्स पूजा सुरेंद्र शाहू (29), नर्स शालीनी गोपाल मोडक (48) को गिरफ्तार किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जनवरी की रात चंद्रपुर के सरकारी अस्पताल में पीड़ित महिला ने एक शिशु को जन्म दिया। जब वह महिला अस्पताल में भर्ती थी तब उसकी पड़ोस में रहनेवाली महिला मीना राजू चौधरी हमेशा मिलने के लिए आती थी। 15 जनवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई। उस समय मीना भी मौजूद थी। उसने पीड़ित महिला को बच्चे के साथ सीधे घर न जाते हुए चंद्रपुर समीप लोहारा के लोटस होटल में लेकर गई। पीड़ित महिला को उसने झूठ बताया कि उसे एचआईवी है। अगर तुमने बच्चे को पास रखा तो उसे भी एचआईवी हो सकता है। मेरे पहचान के नागपुर के एनजीओ हैं, जो छोटे बच्चों को संभालते हैं, उन्हें मैं साथ लेकर आई हूं। बच्चे को उनके हवाले कर दो। डरी-सहमी महिला ने अपने बच्चे को नागपुर की 3 महिला के हवाले कर दिया।
49 हजार देने पर पीड़िता को हुआ शक
18 जनवरी को मीना चौधरी पीड़ित महिला के घर गई और उसे 49 हजार दिए। पीड़िता ने पैसे के बारे में पूछने पर मीना ने बताया कि, वे लोग अपना बच्चा संभाल रहे हैं, इसलिए पैसे दिए। उसे शक होते ही उसने बच्चे को मिलने की बात कही किंतु मीना टालने लगी। पीड़ित महिला को संदेह होते ही उसने पुलिस से संपर्क किया। पीड़िता ने अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी से मिलकर आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस ने धारा 370, 417, 420, 34 केे तहत मामला दर्ज किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एलसीबी के पीआई खाडे ने पीएसआई संदिप कापडे को टीम के साथ जांच के लिए रवाना किया। जांच पड़ताल में पता चला कि, प्रमुख आरोपी मीना चौधरी को हिरासत में लिया गया। पुलिस स्टाइल में पूछने पर उसने प्रेमी बल्लारपुर निवासी जाबिर रफिक शेख (32) व िभवापुर निवासी अजुम सलीम सैयद (43) की मदद से नागपुर निवासी वनिता कावडे, पूजा शाहू, शालीनी गोपाल मोडक को बच्चा 2 लाख 75 हजार रुपए में बेचने की बात कबूल की।
चंद्रपुर की ही एक महिला को दिया बच्चा
तत्काल विलंब न करते हुए कापड़े अपनी टीम के साथ शनिवार को नागपुर रवाना हुए। उक्त तीनों महिलाओं की जानकारी ली, जिसमें से दो महिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में काम करने की जानकारी प्राप्त हुई। उन्हें नागपुर से हिरासत में लिया गया। बच्चे के बारे में पूछने पर संबंधित बच्चा चंद्रपुर देने की जानकारी सामने आई। नागपुर निवासी वनिता, पूजा, शालीनी को हिरासत में लेकर चंद्रपुर में लाया गया। महिला से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि बालक स्मीता मानकर नामक महिला को दिया। इस आधार पर तत्काल महिला का पता प्राप्त कर उसके घर में पुलिस टीम पहुंची और नवजात बच्चे को कब्जे में लिया। बच्चे को वैद्यकीय जांच के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। यह कार्रवाई एलसीबी के एपीआई जितेंद्र बोबडे, पीएसआई संदिप कापड़े, संजय आतकुलवार, अमोल धंदरे, संतोष येलपुरवार, कुंदनसिंह बावरी, रवींद्र पंधरे, गोपाल आतकुलवार, नितीन रायपुरे, प्रांजल झिलपे, अपर्णा मानकर, निराशा तितरे की टीम ने की। उधर यह बच्चों को बेचनेवाला िगरोह तो नहीं? अब तक ऐसे कुछ मामलों को आरोपियों ने अंजाम दिया है? जैसे कई सवालों की जांच में पुलिस जुटी है। मामले की जांच रामनगर पुलिस कर रही है।
Created On :   24 Jan 2022 2:50 PM IST