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गर्भनिरोधक गोली के इस्तेमाल से बच रही महिलाएं, कॉपर टी का इस्तेमाल बढ़ा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल की बजाय कॉपर टी का अधिक उपयोग कर रही हैं। इसके चलते बीते नौ सालों में गर्भनिरोधक गोलियां निर्धारित लक्ष्य का 60 प्रतिशत ही बंट पाई हैं। जबकि महिलाओं में कॉपर टी लगाने का प्रतिशत लगभग 85 है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार हर साल मुफ्त में गर्भ निरोधक गोली बांटने का लक्ष्य तय करती है। चुंकि महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों के अलावा अन्य प्रकार के गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल करती हैं। इसलिए गर्भ निरोधक गोलियों के वितरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता।
राज्य में 3 लाख 75 हजार गर्भनिरोधक गोली बांटने का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार साल 2009-10 से साल 2017-18 तक हर साल राज्य में 3 लाख 75 हजार गर्भनिरोधक गोली बांटने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन सरकार कभी लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई। साल 2009-10 में 2 लाख 42 हजार, साल 2010-11 में 2 लाख 16 हजार, साल 2011-12 में 2 लाख 35 हजार, साल 2012-13 में 2 लाख 4 हजार, साल 2013-14 में 2 लाख 7 हजार, साल 2014-15 में 2 लाख 10 हजार, साल 2015-16 में 2 लाख 20 हजार, साल 2016-17 में 2 लाख 41 हजार और साल 2017-18 में अक्टूबर महीने के आखिर तक 2 लाख 36 हजार गोलियां बांटी गई हैं।
2 लाख 34 हजार लगाए जा चुके कॉपर टी
दूसरी तरफ सरकार ने प्रदेश में साल 2009-10 से 2014-15 के बीच हर साल 4 लाख 50 कॉपर टी लगाने का लक्ष्य रखा था। जिसमें साल 2009-10 में 3 लाख 81 हजार, साल 2010-11 में 3 लाख 74 हजार, साल 2011-12 में 3 लाख 66 हजार, साल 2012-13 में 3 लाख 76 हजार, साल 2013-14 में 4 लाख 11 हजार, साल 2014-15 में 3 लाख 93 हजार महिलाओं को कॉपर टी लगाया गया। साल 2015-16 में 4 लाख 60 हजार का लक्ष्य था लेकिन 3 लाख 98 हजार कॉपर टी लगाई गई। साल 2016-17 और साल 2017-18 में 4 लाख 90 हजार लक्ष्य तय किया गया था लेकिन 4 लाख 43 हजार महिलाओं ने कॉपर टी का उपयोग किया। जबकि साल 2017-18 के अक्टूबर महीने तक 2 लाख 34 हजार कॉपर टी लगाए जा चुके हैं।
साल गर्भनिरोधक गोली बांटने का प्रतिशत
2009-10 65
2010-11 58
2011-12 63
2012-13 55
2013-14 55
2014-15 56
2015-16 59
2016-17 64
2017-18 63
साल कॉपर टी लगवाने का प्रतिशत
2009-10 85
2010-11 83
2011-12 82
2012-13 84
2013-14 87
2014-15 87
2015-16 87
2016-17 90
2017-18 48
Created On :   15 Feb 2018 10:29 PM IST