मुख्यमंत्री कप खेलने आई महिला फुटबॉलर्स को नहीं मिल रहीं सुविधाएं, खाने के नाम पर मिला रहा बुरी क्वालिटी का खाना, 18 खिलाड़ियों पर महज 3 कंबल

मुख्यमंत्री कप खेलने आई महिला फुटबॉलर्स को नहीं मिल रहीं सुविधाएं, खाने के नाम पर मिला रहा बुरी क्वालिटी का खाना, 18 खिलाड़ियों पर महज 3 कंबल
ऐसे बनेगें हम फुटबॉल में सिरमौर? मुख्यमंत्री कप खेलने आई महिला फुटबॉलर्स को नहीं मिल रहीं सुविधाएं, खाने के नाम पर मिला रहा बुरी क्वालिटी का खाना, 18 खिलाड़ियों पर महज 3 कंबल
हाईलाइट
  • अधिकारी ने दी सफाई

डिजिटल डेस्क, रांची। भारत में क्रिकेट को छोड़कर अन्य खेलों की क्या दुर्दशा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि झारखंड में ग्रामों में छिपी खेल प्रतिभाओं को पहचानने के लिए आयोजित हुए मुख्यमंत्री फुटबॉल टूर्नामेंट में भाग लेने आए खिलाड़ियों को नाम मात्र के लिए सुविधाएं मिल रही हैं। धनबाद में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को न तो ओढ़ने के लिए कंबल मिल रहे हैं और न ही खाने के लिए सही क्वालिटी का भोजन मिल रहा है। टीम मैनेजमेंट ने इन अव्यवस्थाओं की शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री और खेलमंत्री से करने का निर्णय लिया है। 

महिला खिलाड़ियों के साथ हो रहा भेदभाव!

धनबाद शहर में आयोजित होने वाले इस प्रमंडल स्तरीय प्रतियोगिता में हजारीबाग, कोडरमा, चतरा की टीमें भाग ले रही हैं। इन टीमों की महिला खिलाड़ियों की रूकने की व्यवस्था इनडोर स्टेडियम में की गई है। जबकि पुरूषों की टीम की रूकने की व्यवस्था आईएसएम कैंपस में की गई है। इनडोर स्टेडियम में रूकने वाली महिलाओं को काफी असुविधाओं को सामना करना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत टीम मैनेजमेंट ने जिला खेल अधिकारी से की है। 

महिला टीम को किन परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है उसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यहां 18 खिलाड़ियों की टीम को ओढ़ने के लिए केवल तीन कंबल दिये गए हैं। चतरा टीम की महिला खिलाड़ियों ने बताया कि "हम 18 लोगों को केबल 3 कंबल दिए गए हैं। ये तो अच्छा हुआ कि कई खिलाड़ी अपने घर से कंबल लेकर आए थे जिसके कारण किसी तरह हमारी रात कट गई।" उन्होंने बताया कि "कंबल तो छोड़िए हमें सिर रखने के लिए तकिया तक नहीं मिला। जिसके बाद कई खिलाड़ी बैग को ही तकिया बनाकर सोने को मजबूर हुए।"

खाने को मिल रहा खराब क्वालिटी का खाना, 72 खिलाड़ियों के बीच केवल 5 टॉयलेट

इनडोर स्टेडियम में ठहरी महिला खिलाड़ियों को खाना भी खराब क्वालिटी का दिया जा रहा है। चतरा टीम की मैनेजर ने मीडिया को बताया कि हमें जो खाना दिया गया था वो भी खराब क्वालिटी का था, जिसको खाकर टीम के एक खिलाड़ी की तबियत खराब हो गई। वहीं स्टेडियम में ठहरी अन्य टीमों की महिला खिलाड़ियों ने भी बताया कि हमें शाम का कहते-कहते देर रात 11 बजे खाना दिया गया। खाना का इंतजार करते-करते टीम के कई खिलाड़ी बाहर जाकर खाना खाने को मजबूर हुईं। इसके अलावा हजारीबाग टीम की कप्तान सन्नी टुडू ने बताया कि टीम के कई खिलाड़ी गर्म पानी न मिलने के चलते सर्दी-जुखाम का शिकार हो गई हैं। यहां सुबह-शाम चाय भी समय पर नहीं मिल पा रही है। 

स्टेडियम में ठहरी महिला खिलाड़ियों को टॉयलेट की कमी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। दरअसल, यहां रूकी टीमों की 72 खिलाड़ियों के बीच केवल 5 ही टॉयलेट हैं। जिसके कारण टॉयलेट के बाहर खिलाड़ियों की लाइन लगी रहती है। खिलाड़ियों के मुताबिक, समय पर ग्राउंड में उपस्थित होने के लिए खिलाड़ियों को सुबह चार से पांच उठना पड़ता है, जिससे उनको असुविधा होती है। 

अधिकारी ने दी सफाई

महिला खिलाड़ी को हो रही असुविधा के सवाल पर जिला खेल पदाधिकारी ने सफाई दी। पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि "टीमों के खाने के लिए एक समय निश्चित किया गया है। हजारीबाग की टीम 21 दिसंबर को हजारीबाग की टीम कैंटीन में लेट पहुंची थी लेकिन फिर भी उनके लिए भोजन की व्यावस्था की गई। वहीं चतरा टीम को कंबल न मिलने की सूचना जैसे ही हमें मिली हमने अतिरिक्त कंबल उनको भिजवाए।" उनहोंने कहा कि "खेल विभाग खिलाड़ियों को सुविधा देने की हर संभव कोशिश कर रहा है।" 

Created On :   24 Dec 2022 12:32 PM GMT

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