पहली बार महिला पुलिस अधिकारी ने संभाली बम निरोधक दल की बागडोर

Women police officer Vaijayanti Mandavadhera become SP of bomb squad
पहली बार महिला पुलिस अधिकारी ने संभाली बम निरोधक दल की बागडोर
पहली बार महिला पुलिस अधिकारी ने संभाली बम निरोधक दल की बागडोर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बम निरोधक दस्ते नागपुर विभाग की बागडोग ने एक महिला अधिकारी को सौंपी गई है। जो बखूबी अपनी जिम्मेदारी संभाल रही है। मुंबई की एसआईडी अंतर्गत कार्य करने वाले बम निरोधक दस्ता नागपुर को 27 साल पूरे हो चुके हैं। दस्ते का कार्यालय पुलिस मुख्यालय परिसर में है। इस विभाग की कमान अब तक पुरुष अधिकारी संभालते आए थे। अब पहली बार विभाग की बागडोर महिला पुलिस अधिकारी वैजयंती मंडवधरे संभाल रही हैं। विभाग में 25 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और अभी करीब 50 अधिकारियों, कर्मचारियों की जरूरत है। विभाग में 4 विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान हैं। जल्द ही दो और नए  श्वान शामिल किए जाएंगे। 30 लाख की आबादी वाले नागपुर में बम निरोधक विभाग में मनुष्य बल और श्वानों की संख्या बढ़ाने के लिए पत्र व्यवहार शुरू हो चुके हैं।

पुरुषों ही संभालते हाए हैं कमान
बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) में अभी तक सिर्फ पुरुष ही कमान संभालते थे, अब नागपुर के थानों में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभा चुकी वैजयंती मंडवधरे इस विभाग की बागडोर संभाल रही हैं। नागपुर पुलिस के इतिहास में पहली बार है, जब महिला बीडीडीएस का नेतृत्व कर रही है। इंस्पेक्टर वैजयंती को टीम का नेतृत्व तत्कालीन पुलिस आयुक्त डाॅ. के. व्यंकटेशम ने सौंपा था। मंडवधरे एसिड परीक्षण का सामना करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने विशेष इकाई के कार्य को संभालने के हर पहलुओं की एक श्रृंखला में पुणे में प्रशिक्षण लिया है। वह करीब दो सप्ताह तक विशेष रूप से प्रशिक्षण ले चुकी हैं।

फोन कॉल्स आते ही लेते हैं तलाशी
हर माह बीडीडीएस के कार्यालय में 100 से अधिक फोन कॉल्स आते हैं। लावारिस बैग, कार या कहीं पर बम रखे जाने के काॅल्स आने पर विशेष रूप से तैयार किया गया बम शूट पहनकर अधिकारी, कर्मचारी उसकी तलाशी लेते हैं। कहा जाता है कि उन्होंने ही तत्कालीन पुलिस आयुक्त से कहा था कि आखिर हर क्षेत्र में महिलाएं कार्य कर रही हैं, तो बम निरोधक विभाग में क्यों नहीं, इनको मौका दिया जाना चाहिए। उस समय भरोसा सेल की कमान एक महिला पुलिस अधिकारी शुभदा शंखे को सौंपी गई थी। बम निरोधिक विभाग फोर्स वन के साथ मिलकर मॉक ड्रिल भी करता है।

बम शूट पर करोड़ों रुपए खर्च
26-11 के आतंकी हमले के बाद बम शूट के लिए राज्य में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। नागपुर के बम निरोधक विभाग में दो बम शूट दिए गए हैं। नागपुर में वीवीआईपी, वीआईपी व अन्य नेताओं, मंत्रियों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में बम निरोधक विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस विभाग में 1 महिला पुलिस निरीक्षक, 1 पीएसआई, 6 डॉग हैंडलर, 11 टेक्निशियन और 4 चालक सहित करीब 25 अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं। कहा जाता है िक इस विभाग में पुलिस विभाग की तुलना में डेढ़ गुना अधिक वेतन मिलता है। नियम अनुसार इस स्क्वॉड में लगभग 35 वर्ष के नीचे का जवान होना चाहिए। इसके लिए  हरियाणा के मानेसर और मसूरी में विशेषज्ञ तैयार किए जाते हैं।

जागरूकता  जरूरी
हर जगह पुलिस नहीं पहुंच सकती है। ऐसे में नागरिकों को भी जागरूक रहना चाहिए। अगर कहीं पर कोई लावारिस वस्तु या कोई एेसी चीज दिखाई दे, जो खतरे का संदेश दे रही हो, तो उसके लिए तत्काल पुलिस को कॉल करनी चाहिए। पुलिस का पहला काम नागरिकों की सुरक्षा करना है। नागरिकों का भी कर्तव्य बनता है िक जब भी कोई ऐसी स्थिति निर्माण हो, तो पुलिस को सूचना देना न भूलें। 
वैजयंती मंडवधरे, पुलिस निरीक्षक, बम निरोधक दल, नागपुर 

Created On :   10 Sep 2018 7:09 AM GMT

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