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पूरे प्रदेश में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान होगा- पीएचई मंत्री पांसे

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले का प्रभार मिलने के बाद पहली बार आए प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि छिंदवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि पेयजल के लिए स्थाई स्त्रोतों की तलाश के साथ समस्या का स्थाई समाधान करें। यह बात उन्होंने भास्कर से खास चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएस स्तर की समीक्षा बैठक में छिंदवाड़ा शहर समेत प्रदेश के उन तमाम स्थानों जहां पेयजल को लेकर संकट की स्थिति है वहां तत्काल व्यवस्था बनाने निर्देशित किया है। श्री पांसे ने कहा कि छिंदवाड़ा शहर की पेयजल समस्या पर तेजी से काम जारी है। इसकी मानीटरिंग करने के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए हैं।
टंकियां और पाइप लाइन है लेकिन पानी नहीं
श्री पांसे ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में पानी की टंकियां और पाइप लाइन तो दिखाई देती है लेकिन लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने ऐसे स्थानों पर स्त्रोतों की तलाश कर लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के निर्देश दिए है जिस पर विभाग ने काम शुरू कर दिया है। पुराने स्त्रोतों को रिचार्ज करने के साथ नए स्त्रोत तलाशे जा रहे हैं।
समूह जलप्रदाय योजना से घरों तक पहुंचाएंगे पानी
पीएचई मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचई व जल निगम के माध्यम से समूह जलप्रदाय योजना के जरिए घरों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। माचागोरा बांध से छिंदवाड़ा शहर में पानी लाने के साथ ही 711 गांवों की समूह जलप्रदाय योजना पर भी जल्द काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा पांढुर्ना क्षेत्र में भी उक्त योजना के तहत पानी पहुंचाया जाएगा।
डब्ल्यूआरडी के बांधों में पेयजल के लिए रिजर्व होगा पानी
श्री पांसे ने बताया कि डब्ल्यूआरडी के जलाशयों में सिंचाई के अलावा पेयजल के लिए भी पानी आरक्षित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। नए जलाशयों में पेयजल के लिए भी पानी रिजर्व करने का प्रावधान किया जा रहा है। जिससे समूह जलप्रदाय योजनाओं के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
फ्लोराइड के लिए विशेष प्लान, रिमूवल प्लांटों को पुनर्जीवित करेंगे
जिले में फ्लोराइड की अधिकता वाले स्थानों पर पीएचई मंत्री ने विशेष कार्ययोजना के जरिए काम करने की बात कही है। उन्होंने बंद पड़े फ्लोराइड रिमूवल प्लांटों की जांच व उन्हें पुनर्जीवित करने की बात कही है। जिले में करीब 90 रिमूवल प्लांट स्थापना के बाद से ही बंद पड़े हैं। जिन पर करोड़ों खर्च किए जा चुके हैं।
Created On :   14 Jan 2019 1:50 PM IST