मजदूरों को स्वीकार नहीं रहे उनके गृह राज्यः थोरात

Workers are not accepting their home state: Thorat
मजदूरों को स्वीकार नहीं रहे उनके गृह राज्यः थोरात
मजदूरों को स्वीकार नहीं रहे उनके गृह राज्यः थोरात

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बाला साहब थोरात ने महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने गृहराज्य में प्रवेश न दिए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले हस्तक्षेप कर इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को अपने यहां प्रवेश देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्य ऐसे है जिन्होंने प्रवासी मजदूरों को वापस बुलाने से इंकार कर दिया है। जबकि महाराष्ट्र सरकार मजदूरों को उनके गृहराज्य भेजने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं। किंतु मजदूर जिस राज्य में जाना चाहते हैं वहां की सरकारे इसमें सहयोग नहीं कर रही है। इससे मजदूरों को भावनात्मक ठेस लग रही है और उनमें असुरक्षा का भाव पैदा हो रहा है। 

श्री थोरात ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी तरफ से भी मजदूरों को भेजने की कोशिश की थी लेकिन उनके गृहराज्य इसमें अवरोध पैदा कर रहे है। करीब 10 लाख प्रवासी मजदूर ऐसे है जो अपने गृह राज्य जाना चाहते है। महाराष्ट्र से अब तक 32 ट्रेन चलाई जा चुकी हैं। होटल उद्योग में बड़े पैमाने पर उड़ीसा व पश्चिम बंगाल के लोग कार्यरत है। लेकिन उड़ीसा सरकार ने अदालत के एक आदेश का हवाला देकर सिर्फ उन्हीं मजदूरों को अपने यहां प्रवेश देने की बात कही है जो कोरोना बाधित नहीं है। इधर पश्चिम बंगाल ने भी मजदूरों के आने पर रोक लगा रखी है।

तमिलनाडु सरकार ने भी मजदूरों के प्रवेश की प्रक्रिया काफी जटिल कर रखी है। कर्नाटक में भी मजदूरों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। शुरुआत में उत्तरप्रदेश में मजदूरों को जाना आसान नहीं था। पर बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने निर्णय में बदलाव किया है। इस स्थिति के चलते मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है इसलिए केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। जिससे मजदूरों का अपने गृह राज्य जाने का रास्ता आसान हो सके। 

Created On :   9 May 2020 7:12 PM IST

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