मजदूरों का फिर पलायन, गणेशपेठ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर बढ़ी भीड़

Workers flee again, crowd increased at Ganeshpeth bus stand and railway station
मजदूरों का फिर पलायन, गणेशपेठ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर बढ़ी भीड़
मजदूरों का फिर पलायन, गणेशपेठ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर बढ़ी भीड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण शहर में तालाबंदी का डर सता रहा है। नागपुर में काम करने वाला मजदूर वर्ग अपने गांव वापसी के जद्दोजहद में लगा है। गणेशपेठ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर वापसी करने वालों की भीड़ देखने मिली। किसी की कंपनी बंद हो गई है, तो किसी को काम से निकाल दिया है। ऐसे में मजदूर अपने घर बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश वापसी कर रहे हैं।

सबकी अपनी-अपनी मजबूरी
राइस मिल में काम करता था। गत एक वर्ष से यहीं रहता हूं। यहां मिलने वाला पैसा अपने परिवार तक पहुंचाता था, लेकिन अब मिल ही बंद हो गई है। काम नहीं है। यहां रहकर क्या करूंगा। वापस अपने गांव जा रहा हूं। -नीतीश कुमार, मजदूर, बिहार

नागपुर की एक कंपनी में काम करता था। कंपनी के मालिक ने कंपनी को ताला लगा दिया है। ऐसे में रहने और खाने के लिए पैसे नहीं हैं। यहां रहकर क्या करूंगा। अपने घर लौट रहा हूं -मुरारी कुमार, मजदूर, बिहार

लोहे के कारखाने में काम कर जीवन की गाड़ी खींच रहे थे। कुछ कम पड़ जाए, तो गांव से लाते थे, लेकिन अब शहर में बिगड़ते हालात को देख लॉकडाउन लग सकता है। ऐसे में गांव वापस लौटने में ही भलाई समझ रहे हैं -पंकज वैष्णव, मजदूर, छत्तीसगढ़

लोहे के कारखाने में काम करते थे। कंपनी बंद हो गई है। यहां पेट पालना मुश्किल हो गया है। वापस अपने गांव मुंगेली लौट रहे हैं। वहीं पर कुछ करेंगे - हेमलाल यादव, मजदूर, छत्तीसगढ़

निजी कंपनी में बिक्री का काम करते थे। कंपनी बंद हो गई है। अब कोई काम नहीं है। लॉकडाउन लगने के बाद फिर रहने-खाने की समस्या खड़ी हो जाएगी, इसलिए अपने घर लौट रहे हैं -निखिल गौतम, कर्मचारी, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। नागपुर में टेलरिंग का काम कर रहा था। जिस बड़ी दुकान से ऑर्डर मिलते थे। वह बंद हो गई है। काम नहीं मिल रहा है। तालाबंदी में दिक्कत बढ़ जाएगी, इसलिए लौट रहा हूं -लाल मोहम्मद, उत्तर प्रदेश

नागपुर में मार्बल का काम करता था, लेकिन कुछ दिनों से कंपनी बंद हो गई है। लॉकडाउन भी लगने की संभावना है, इसलिए घर लौट रहा हूं -खरेन्द्र शर्मा, मजदूर, ढोलपुर

जिस कंपनी में काम करते थे, वह बंद हो गई है, इसलिए वापस घर जाना पड़ रहा है। गांव जाकर परिवार के साथ रहकर कुछ काम कर लेंगे। -लोकेचंद, मजदूर, ढोलपुर
 

 

Created On :   15 April 2021 11:49 AM IST

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