मीलों पैदल चलकर लौटनेवाले मजदूरों को गांव में भी नहीं मिल रही इन्ट्री

Workers returning for miles on foot are not even getting entry in the village
मीलों पैदल चलकर लौटनेवाले मजदूरों को गांव में भी नहीं मिल रही इन्ट्री
मीलों पैदल चलकर लौटनेवाले मजदूरों को गांव में भी नहीं मिल रही इन्ट्री

डिजिटल डेस्क, भंडारा/गड़चिरोली/अमरावती। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न प्रांतों से मजदूरों की घरवापसी का सिलसिला लगातार जारी है। विदर्भ के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे मजदूरों के जत्थे पैदल अपनी गांवों की ओर निकले हैं। जिन्हें कहीं प्रशासन रोक रहा है तो कहीं गांववाले ही अपने गांव में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। भंडारा, गड़चिरोली और अमरावती जिले में कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं।

भंडारा जिले की साकोली तहसील अंतर्गत क्षेत्र के शिवनीबांध और सानगांव के निवासी मजदूरों के नागपुर से लौटने पर उन्हें गांववासियों ने गांव में प्रवेश ही नहीं करने दिया। किसी तरह चोरी-छिपे यह मजदूर अपने घर लौटे थे। प्रशासन की ओर से बार-बार समझाने के  बाद ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। अंतत: प्रशासन ने सानगडी की जि.प. शाला में इन मजदूरों के रहने की व्यवस्था की।

इसी प्रकार तेलंगाना से करीब 14 मजदूर चोरी-छिपे किसी तरह गड़चिरोली जिले की अहेरी तहसील में स्थित अपने गृहग्राम नंदीगांव पहुंचे। उनके पहुंचते ही हड़कम्प मच गया और तुरंत इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई। जिला प्रशासन ने सभी 14 मजदूरों की गांव की ही जि.प.शाला में रहने की व्यवस्था की। इन मजदूरों में चार लड़कियों का भी समावेश है।

अमरावती जिले के धामणगांव रेलवे तहसील मुख्यालय में पैदल अपने गांव की ओर निकले करीब 100 मजदूरों को पुलिस ने रोक दिया। मंगरुल दस्तगीर, कारंजा में चल रहे समृद्धि महामार्ग के काम में यह लोग जुटे हुए थे। लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से अपने गांव के लिए पैदल ही चल पड़े थे। इनमें 86 मजदूर मध्यप्रदेश के कटनी के, 5 गोंदिया के, 2 नागपुर और अन्य झारखंड के हैं।प्रशासन ने उन्हें रोककर शहर की एक धर्मशाला में उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की गई।

Created On :   16 April 2020 6:31 PM GMT

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