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"वर्किंग वुमन' मदर हो ताे भी बच्चे के साथ पिता का भी देना होगा गुजारा भत्ता

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि तलाक के मामलों में यदि पत्नी नौकरी करके वेतन ले रही है, फिर भी बच्चे की जिम्मेदारी संभालने के लिए उसे अपने पति से गुजारा भत्ता (मेंटेनेंस) मिलना चाहिए। किसी बच्चे को उसके पिता से मेंटेनेंस से इस आधार पर वंचित रखना सही नहीं है कि बच्चे की मां "वर्किंग वुमन" है। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने दीवानी न्यायालय सावनेर के उस अंतरिम आदेश को कायम रखा है, जिसमें अदालत ने पति को हर माह 10 हजार रुपए का मेंटेनेंस अपनी बीवी को देने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को इस प्रकरण में सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
दोनों का विवाह मार्च 2010 में हुआ था। उन्हें एक बच्चा भी है। कुछ ही दिनों बाद विवाद बढ़ता गया। पत्नी का आरोप है कि उसके साथ घरेलू हिंसा होती थी। मजबूर होकर उसे अपने मायके लौटना पड़ा। इस दौरान पति, पत्नी को 1500 रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस देता रहा। लेकिन फिर पत्नी ने दीवानी न्यायालय में अर्जी दायर करके पति से 25 हजार रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस की मांग की। दलील दी कि पति सरकारी नौकरी में 50 हजार प्रतिमाह वेतन पाता है। पत्नी अपने माता पिता के भरोसे रह रही है और उस पर बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है। निचली अदालत ने मामले में अंतरिम आदेश जारी करके पत्नी को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मेेंटेनेंस देने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट में चुनौती
ऐसे में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट की शरण ली। पति ने कोर्ट में दलील दी कि उसकी पत्नी उच्च शिक्षित है। उसने इंग्लिश लिट्रेचर में बीए, बीएड की शिक्षा प्राप्त की है। फिलहाल वह एक कोचिंग क्लास में पढ़ाकर 30-35 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही है। ऐसे में वह मेंटेनेंस की हकदार नहीं है। पति की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला कायम रखा है।
Created On :   6 March 2021 3:20 PM IST