दिल्ली में कई स्थानों पर सूख गई यमुना, हरियाणा से पानी छोड़ने की अपील

Yamuna dried up at many places in Delhi, appeal to release water from Haryana
दिल्ली में कई स्थानों पर सूख गई यमुना, हरियाणा से पानी छोड़ने की अपील
गर्मी ने बढ़ाई मुसीबत दिल्ली में कई स्थानों पर सूख गई यमुना, हरियाणा से पानी छोड़ने की अपील

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में जहां भयंकर गर्मी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर इसका असर नदी के जलस्तर पर भी पड़ रहा है। दिल्ली से होकर गुजरने वाली यमुना नदी कई स्थानों पर बिल्कुल सूख गई है। यमुना नदी में घटते जल स्तर के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने हरियाणा से अधिक पानी छोड़ने की अपील की है। दिल्ली में जलापूर्ति और यमुना नदी का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए दिल्ली ने हरियाणा सरकार से कहा है कि वह दिल्ली की ओर यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े ताकि जल संकट से निजात पाई जा सके।

गौरतलब है कि दिल्ली में आईटीओ के समीप यमुना नदी अपने न्यूनतम स्तर पर है। यहां एक बड़े हिस्से में नदी पूरी तरह सूख चुकी है। जहां पहले नदी बहा करती थी वहां अब सुखी मिटटी और मैदान दिखाई पड़ रहे हैं। यही कारण है कि दिल्ली जल बोर्ड में एक ही सप्ताह में दूसरी बार हरियाणा से अतिरिक्त पानी छोड़ने की अपील की है। इस विषय में दिल्ली जल बोर्ड ने बकायदा हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर बताया है कि दिल्ली के वजीराबाद में कमी के स्तर को बढ़ाने और जल उत्पादन के लिए हरियाणा की ओर से अतिरिक्त पानी छोड़ने की आवश्यकता है।

इससे पहले 30 अप्रैल को भी दिल्ली सरकार द्वारा हरियाणा से इसी तरह की मांग की गई थी। दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को बताया था कि दिल्ली के वजीराबाद में यमुना के जल स्तर में दो फीट की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं दूसरी ओर पानी की बचत एवं बेहतर इस्तेमाल के लिए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डी-एसटीपी) बनाने की तैयारी की है। पायलट परियोजना के तौर पर जल बोर्ड अभी पांच जगहों पर इसका निर्माण करा रहा है। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी सौंदर्य की ²ष्टि से भी सुंदर दिखना चाहिए और वहीं, सार्वजनिक सुविधा से समझौता भी नहीं होना चाहिए।

डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एक ऐसा मैकेनिज्म है जिसमें एक छोटा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है जिसकी मदद से गंदा पानी जहां से उत्पन्न हो रहा है उसे उसी जगह ट्रीट किया जा सके। दिल्ली सरकार का लक्ष्य डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के जरिए दिल्ली के ज्यादा से ज्यादा पार्कों में पानी की सिंचाई की समस्या का समाधान करना है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर सीवेज के पानी का उपचार करना और इसका उपयोग बागवानी के लिए करना है।

वर्तमान में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की अवस्थिति शहर के एक हिस्से में है और वहां तक गंदा पानी दूसरी जगह से लाया जाता है। यह काफी खर्चीला साबित होता है। वहीं, दिल्ली के पार्कों में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल या फिर नलकूप का पानी इस्तेमाल होता है। इसका असर भूजल पर पड़ता है। लिहाजा डी- एसटीपी से शोधित पानी से पार्कों की सिंचाई होने पर भूजल की बचत होगी। इस प्रकार धीरे-धीरे घट रहे भूजल स्तर को भी संरक्षित किया जा सकेगा। इसके अलावा, डिसेंट्रलाइज्ड- एसटीपी खाद की खरीद पर खर्च होने वाली राशि की बचत भी करेंगे, क्योंकि रिसायक्लड पानी में सभी आवश्यक पोषक तžव होंगे और इस प्रकार किसी अतिरिक्त उर्वरक या खाद की आवश्यकता नहीं होगी। दिल्ली की अधिकांश कॉलोनियों में बढ़ते जल प्रदूषण, दुगर्ंध और भूमिगत जल स्तर में गिरावट के बोझ से मुक्ति भी मिलेगी।

(आईएएनएस)

Created On :   4 May 2022 6:30 AM GMT

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