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खेल-खेल में कर सकते हैं विज्ञान का अध्ययन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन, महानगर पालिका और विज्ञान प्रसार के संयुक्त तत्वावधान में अपूर्व विज्ञान मेले का आयोजन राष्ट्रभाषा परिसर में किया गया है। मेले के तीसरे दिन नीरी के एनवायरमेंटल वायरोलॉजी और कोविड-19 टेस्टिंग सेंटर के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णा खैरनार ने रिसर्च स्कॉलर्स की टीम के साथ भेंट दी। इस दौरान डॉ. कृष्णा ने कहा कि अपूर्व विज्ञान मेले में आकर समझ में आता है कि हम विज्ञान की अवधारणाओं को कितनी आसानी से समझ सकते हैं। खेल-खेल में मनोरंजक रूप से विज्ञान का अध्ययन किया जा सकता है। जब हम पढ़ाई करते थे, उस समय अभिभावकों की मदद के बिना कोई प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता था, लेकिन यहां देख कर लगता है कि कोई भी बच्चा आसानी से प्रोजेक्ट बना सकता है।
कहीं भी लगा सकते हैं पौधे
विज्ञान मेला में रिसोर्स पर्सन के रूप में पटना से मो. जावेद आलम, म. प्र. से राजनारायण राजोरिया, कोल्हापुर से रामचंद्र लेले पधारे। मो. आलम बिना मिट्टी, सूरज की रोशनी के पौधों के पोषण की जानकारी दे रहे हैं। हाइड्रोपोनिक्स के सिद्धांत पर काम करते हुए मो. जावेद आलम ने ऐसे जलीय पोषण आहार व विधि का आविष्कार किया है, जिससे सभी प्रकार के पौधों को कहीं भी लगाया और बढ़ाया जा सकता है। इन्होंने इसे आलम जल कृषि विधि एवं बायो-फर्ट-एम पोषक तत्व के नाम से पेटेंट कराया है। म.प्र. के भिंड से पधारे राजनारायण राजोरिया गणित को आसान बनाने का तरीका समझाते हैं। खगोलशास्त्री श्री लेले नक्षत्र, खगोलीय कैलेंडर की जानकारी बच्चों को दे रहे हैं।
Created On :   18 Dec 2021 6:59 PM IST