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युवा अकाउंटेंट ने की खुदकुशी, आक्रोशित जनता ने किया थाने का घेराव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। न्यू सोमवारीपेठ रघुजीनगर इलाके में एक युवा अकाउंटेंट ने जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम महेश सालिकराम राऊत (38) है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से आहत होकर उसने यह कदम उठाया। आक्रोशित नागरिकों ने हुडकेश्वर थाने का घेराव किया। इस दौरान थाने और घटनास्थल पर तगड़ा बंदोबस्त रहा। उपायुक्त डॉ. अक्षय शिंदे ने कहा कि फिलहाल हुडकेश्वर थाने में घटना को लेकर आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है।
मतिमंद की पिटाई की थी खबर
महेश राऊत ने सोमवार की शाम करीब 5.30 बजे के दरमियान पुलिस नियंत्रण कक्ष में फोन किया। बताया कि एक मतिमंद के साथ पड़ोसी महिला मारपीट कर रही है। करीब 7 से 7.30 बजे के दरमियान महेश के घर के पास हुडकेश्वर थाने के बीट मार्शल किशोर सेनाड और प्रवीण आलम पहुंचे। महेश को उन्होंने फोन किया, मगर वह बंद था। वे महेश के घर पहुंचे और सीधे थप्पड़ जड़ दिया। कारण पूछने पर घर के बाहर घसीटकर ले गए और जमकर पिटाई की।
आहत होकर जान दे दी : बस्ती के नागरिकों का कहना है कि महेश की किसी अपराधी की तरह पिटाई की जाती रही। पुलिस ने गलत किया, जबकि पुलिस का कहना है कि महेश ने जो खबर पुलिस को दी थी, वह गलत थी। महेश की बस्ती में अच्छी इमेज थी। पिटाई से आहत होकर सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे उसने अल्युमिनियम फॉस्फेट (सल्फॉस) खाकर आत्महत्या कर ली। महेश की मौत के बाद उसकी पत्नी प्रणाली, बेटा रियांस (6) और शार्विल (3) बेसहारा हो गए हैं।
मामला यह हुआ : महेश राऊत के मकान के बगल में 60 वर्षीय अविनाश मनोहर घिरडे रहता है। यह मतिमंद है। उसके भाई की कुछ समय पहले मौत हो गई है। अविनाश की स्थिति के चलते उसकी बहन मनीषा कोरडे और उसके दो बच्चे उसके साथ रहते हैं। सोमवार की सुबह करीब 11 बजे अविनाश मकान की छत पर गया था। अचानक उसके गिरने की आवाज आई। परिजन उसे नीचे कमरे में लाए। उसने चंदा बर्वे द्वारा पत्थर मारने की बात परिजनों को बताई। ड्यूटी से आने के बाद महेश को इस बारे में पता चला तो उसने शाम करीब 5.30 बजे के दरमियान पुलिस नियंत्रण कक्ष को जानकारी दी।
अलग-अलग नंबर से फोन करता था
महेश राऊत अलग-अलग नाम से पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके चंदा बर्वे के बारे में ही शिकायत करता था। सोमवार को भी उसने अलग नाम बताकर फोन किया और कहा कि चंदा बर्वे पड़ोस में रहने वाली मतिमंद की पिटाई कर रही है, जबकि ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई थी। घटना की रात किसी बात को लेकर महेश की पत्नी मायके चली गई। मामले की जांच अपराध शाखा पुलिस को सौंप दी गई है। पुलिस की पिटाई से उसने आत्महत्या की, इसमें कोई तथ्य नहीं है। बहरहाल, कारणों की छानबीन शुरू है।-अमितेश कुमार, पुलिस आयुक्त, नागपुर,शहर
1. क्यों सोई रही पुलिस
पुलिस का कहना है कि महेश बस्ती में रहनेवाली चंदा बर्वे के नाम से जब अलग-अलग नाम से फोन करके शिकायतें करता था। महेश के घर के सामने रहने वाले दीपक राऊत व बस्ती के अन्य लोगों का सवाल है कि जब महेश इसके पहले चंदा बर्वे के बारे में कई बार शिकायतें अलग - अलग नामों से कर चुका है, तब पुलिस महेश के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई करने क्यों नहीं आई। सोमवार को महेश द्वारा चंदा बर्वे के बारे में पुलिस कंट्रोल रूम में अलग नाम से फोन करने पर पुलिस कैसे अचानक पहुंच गई।
2.परदे के पीछे की बात
दूसरी तरफ, चंदा के बेटे अमन को पता चला कि महेश पुलिस कंट्रोल रूम में उनके बारे में फोन करके शिकायत करता है, तो महेश को उसने घर से बाहर बुलाया। दोनों में कुछ कहा-सुनी हुई। चंदा बर्वे का परिवार केबल व्यवसाय से जुड़ा है। बस्ती में चर्चा है कि चंदा बर्वे अक्सर अविनाश घिरडे के साथ मारपीट करती थी। बस्ती के लोग पहले ही इस क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने व पुलिस चौकी बनाने की मांग कर चुके हैं।
खबर झूठी निकली
महेश ने जिस मतिमंद व्यक्ति की पिटाई की खबर दी थी, जांच के दौरान वह झूठ निकली। वहां ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई थी। मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर उक्त दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। {डॉ. अक्षय शिंदे, पुलिस उपायुक्त
Created On :   4 Aug 2021 2:32 PM IST