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जीरो माइल को जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त और हेरिटेज कमेटी संवारें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जिलाधिकारी, महानगरपालिका आयुक्त और हेरिटेज कमेटी व संंबंधित विभागों के सदस्यों को जीरो माइल के संवर्धन के लिए संयुक्त बैठक लेने के आदेश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में प्रतिवादियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
दो महत्वपूर्ण बातें-
1. इसके पूर्व जारी आदेश में हाईकोर्ट ने जीरो माइल के संवर्धन की सारी जिम्मेदारी मनपा की हेरिटेज समिति को सौंप दी थी। हाईकोर्ट ने समिति को आदेश दिए हैं कि दोनों स्मारकों के रख-रखाव और विकास के लिए समिति को काम करना होगा।
2. देश के प्रसिद्ध स्मारक जीरो माइल के सौंदर्यीकरण और रख-रखाव में सरकारी लापरवाही पर संज्ञान लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है।
तब अधिकार वापस लिए गए थे
दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा कुछ वर्षों पहले यह स्थल मेट्रो को सौंदर्यीकरण के लिए सौंपा गया था। इसके बाद से ही जीरो माइल बदहाल स्थिति में आ गया, जिस पर हाईकोर्ट ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर की। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि मेट्रो जीरो माइल की साफ-सफाई नहीं कर सकते, तो जिलाधिकारी को इस स्थल के सारे अधिकार लौटा दें। मेट्रो के रुचि न लेने पर हाईकोर्ट ने उनसे इस स्थल के अधिकार वापस ले लिए थे।
बदहाली को रखा था अदालत के सामने
न्यायालयीन मित्र कार्तिक शुकुल ने जानकारी दी थी कि देश का यह प्रसिद्ध स्मारक बदहाल स्थिति में है। इसके सौंदर्यीकरण के लिए न तो कोई इच्छा शक्ति है और न ही कोई विशेष नियम। एड.शुकुल ने कोर्ट को बताया था कि नियमानुसार किसी भी ग्रेड ‘ए’ हेरिटेज स्ट्रक्चर के संवर्धन के लिए स्थानीय मनपा आयुक्त को विशेष नियमों का गठन करना जरूरी है। बीते 17 वर्षों मंे मनपा ने ऐसा नियम बनाने का तक प्रयास नहीं किया। हाल ही में एक उप समिति जरूरी बनाई गई है, लेकिन इसमें भी 5 की जगह सिर्फ 3 सदस्य नियुक्त किए गए है। इसके बाद मनपा की हेरिटेज कमेटी को इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपी। अब उनसे मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। मामले में मनपा की ओर से एड.जेमिनी कासट ने पक्ष रखा।
Created On :   28 Jan 2021 1:51 PM IST