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दैनिक भास्कर हिंदी: नागनदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ‘जिका’ की टीम नागपुर पहुंची

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागनदी प्रदूषण निर्मूलन प्रकल्प’ विकास प्रारूप के लिए राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय (एनआरसीडी) द्वारा 1252.33 करोड़ रुपए की मान्यता मिली है। इस प्रकल्प के लिए जापान की वित्तीय संस्था ‘जिका’ आर्थिक सहायता करेगी। इस बाबत 28 नवंबर 2018 को ‘जिका’ (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) और मनपा में करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
प्रकल्प संदर्भ में ‘जिका’ मुख्यालय की दक्षिण एशिया विभाग-1 के (भारत, भूटान) के उपसहायक संचालक झावझा अंग व कोयामा हरूका ने मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर से चर्चा की। ‘नागनदी प्रदूषण निर्मूलन प्रकल्प’ नियोजन कार्य के क्रियान्वयन संदर्भ में ‘जिका’ द्वारा निप्पॉन कोई इंजीनियरिंग कंस्ल्टेंट की नियुक्ति की गई है। इस टीम का 9 जनवरी से मनपा में कार्य शुरू है। इस कार्य की भी प्रतिनिधियों ने समीक्षा की है।
इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त व ‘नागनदी प्रदूषण निर्मूलन प्रकल्प के अध्यक्ष राम जोशी, तकनीकी सलाहकार (नदी व सरोवर) मो. इसराइल, जिका द्वारा नियुक्त किए निप्पॉन कोई इंजिनियरिंग कंस्ल्टेंट के ताकामासा निशिकावा, एनजेएस के प्रकल्प सलाहकार विद्याधर सोनटक्के, नागनदी प्रकल्प क्रियान्वयन टीम के सदस्य डॉ. प्रणिता उमरेडकर, मो. शफिक, संदीप लोखंडे, श्री जीवतोडे, उद्यान अधीक्षक अमोल चौरपगार, आर.डी. राऊत, श्री संगीडवार उपस्थित थे।
लघु उद्योग महामंडल के खिलाफ 100 करोड़ की मानहानि का दावा
उद्योगपति मनीष मेहता ने राष्ट्रीय लघु उद्योग महामंडल के खिलाफ कोर्ट की शरण ली है। उन्होंने महामंडल के खिलाफ निचली अदालत में 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि महामंडल ने बीते कुछ वर्षों में उन्हें बगैर किसी कारण के विविध मुकदमों में प्रतिवादी बनाया, जिससे उनकी मानहानि हुई है।
मामले में अर्जदार का पक्ष सुनकर कोर्ट ने महामंडल को नोटिस जारी करते हुए 26 अप्रैल तक जवाब मांगा है। महामंडल ने वर्ष 2001 में नागपुर फाउंड्रिज कंपनी के खिलाफ चेक बाउंस का केस दायर किया था। इस मामले में मेहता को कंपनी संचालक के रूप में प्रतिवादी बनाया गया था। अर्जदार का दावा है कि उनका इस कंपनी से कोई संबंध नहीं था, इसके बाद भी जानबूझ कर परेशान करने के लिए उन्हें इससे जोड़ा गया। ऐसे ही अन्य कई मामलों में उन्हें प्रतिवादी बनाया गया, जिसमंे निर्णय मेहता के पक्ष में आया। अब इस मानहानि की याचिका में मेहता का आरोप है कि महामंडल ने उनकी बदनामी की है। आगे से महामंडल को सावधानी बरतने के आदेश दिए जाएं। याचिकाकर्ता की ओर से एड. विनोद सिंह ने पक्ष रखा।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।