मुंबई: कोरियोग्राफर सरोज खान काे कार्डियक अरेस्ट, 71 साल की उम्र में निधन

मुंबई: कोरियोग्राफर सरोज खान काे कार्डियक अरेस्ट, 71 साल की उम्र में निधन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-03 02:40 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दो हजार से भी ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ कर चुकीं बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार देर रात दिल का दौरा (कार्डियक अरेस्ट) पड़ने से निधन हो गया। 71 साल की सरोज कई दिन से बीमार चल रहीं थीं, उन्हें बांद्रा स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में सांस की तकलीफ के चलते 20 जून को भर्ती कराया गया था।हालांकि, उनका कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आया है। श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित समेत बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं। इसके अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए।  उनका अंतिम संस्कार आज मलाड के मलवानी में किया जाएगा। 

सरोज खान के परिवार से जुड़े एक सूत्र ने दावा किया था कि उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बेहतर हो रहा था। जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, लेकिन अचानक देर रात उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका। मौत के वक्त सरोज के पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान और दोनों बेटियां हिना और सुकन्या उनके करीब थीं।

पहली बार बड़े पर्दे पर "नजराना" में आई नजर
सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी सद्धू सिंह के घर हुआ था। सरोज ने 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की है। निर्मला के तौर पर जन्म होने के बाद सरोज का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बाल कलाकार के तौर अपने करियर की शुरुआत तीन सील की उम्र में की थी। पहली बार वो नजराना फिल्म में श्यामा के रूप में नजर आई थीं। 

13 साल की उम्र में 30 साल बड़े गुरु से की थी शादी
सरोज खान ने अपनी उम्र से 30 साल बड़े मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। उस दौरान उनकी उम्र 13 साल थी। उन्होंने इस्लाम कबूल कर अपने गुरु से शादी की थी। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी।

 

50 के दशक में बतौर बैकग्राउंड डांसर शुरू किया करियर, पहली फिल्म गीता मेरा नाम थी
सरोज खान ने फिल्म इंडस्ट्री में 50 के दशक में बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। और तब से लेकर अभी तक ना जाने कितने एक्टर एक्ट्रेस को उन्होंने डांस के मूव्स सिखाए। माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी जैसी दिग्गज एक्ट्रेसेस ने तो उन्हें अपना डांस गुरु माना था। सरोज की पहली फिल्म 1974 में आई गीता मेरा नाम थी। इसमें हेमामालिनी लीड रोल में थीं। तीन बार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया। मिस्टर इंडिया का हवा-हवाई (1987), एक दो तीन (तेजाब) का बेहद हिट रहा। 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित छा गईं थीं। 1992 में आई बेटा का गीत धक-धक करने लगा और डोला रे डोला (2002) उनके हिट नंबर हैं।

2 हजार से ज्यादा गाने कोरियोग्राफ किए और 3 नेशलन अवॉर्ड हासिल किए
चार दशक के लंबे करियर में सरोज खान को दो हजार से ज्यादा गानों की कोरियोग्राफी करने का श्रेय हासिल है। सरोज खान को अपनी कोरियोग्राफी के​ लिए 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका था। संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला-रे-डोला गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। माधुरी दीक्षित की फिल्म तेजाब के यादगार आइटम सॉन्ग एक-दो-तीन और साल 2007 में आई फिल्म जब वी मेट के सॉन्ग "ये इश्क..." के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।

माधुरी के साथ की थी आखिरी फिल्म 
सरोज खान ने आखिरी बार करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस के तले बनी फिल्म कलंक में तबाह हो गए गाने गाने को कोरियोग्राफ किया था। इस गाने में माधुरी दीक्षित नजर आई थीं। यह फिल्म 2019 में रिलीज हुई थी।

कोरोना से बचने के लिए शेयर किया था वीडियो
मई में कोरियोग्राफर सरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया थे। इसमें वे देशवासियों से कोरोनावॉरियर्स की रिस्पेक्ट करते अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।

 

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