15 महीनों में महंगाई सबसे ऊपर, भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत भी खराब

15 महीनों में महंगाई सबसे ऊपर, भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत भी खराब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-12 14:38 GMT
15 महीनों में महंगाई सबसे ऊपर, भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत भी खराब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत बिल्कुल ही खराब चल रही है। अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट भी ठीक नहीं दिख रही है। यही कारण है कि मंहगाई भी बेलगाम घोड़े की रफ्तार से भाग रही है। नवंबर में रीटेल महंगाई 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 4.88% पर पहुंच गई, जबकि रीटेल महंगाई अक्टूबर में 3.58% थी। विश्लेषकों ने नवंबर में इसके 4.20% रहने की संभावना जताई थी। इंडस्ट्री की रफ्तार धीमी पड़ गई है।

दूसरी बड़ी चिंता की बात यह भी है कि देश के औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण IIP ग्रोथ अक्टूबर में घटकर 2.2% रह गई जो सितंबर में 3.8% थी।

खास तौर से फूड और फ्यूल प्रॉडक्ट्स की कीमतें बढ़ने से इन आंकड़ों पर असर पड़ा है। ईंधन, सब्जियों तथा अंडों के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में खुदरा महंगाई बढ़ी है। ईंधन और बिजली सेक्टर में मुद्रास्फीति 7.92 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 6.36 प्रतिशत थी। नवंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 22.48 प्रतिशत बढ़े। हालांकि, दलहन की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। नवंबर में दालों के दाम सालाना आधार पर 23.53 प्रतिशत घट गए। फूड सेक्टर में नवंबर में मुद्रास्फीति 4.42 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 1.9 प्रतिशत थी।

डेटा जारी होने से पहले Larsen Toubro के मुख्य अर्थशास्त्री रूपा रेज ने कहा था कि नवंबर में भारी बारिश से फलों और सब्जियों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा था कि इसका असर यह हुआ कि प्याज, टमाटर और दूसरी चीजों के दाम काफी बढ़ गए।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में महंगाई RBI के मिड-टर्म टारगेट (4%) से भी आगे निकल गई है। इस महंगाई की वजह फूड प्राइस का बढ़ना है। CFPI या खाद्य महंगाई 4.42% रही, जबकि अक्टूबर में यह 1.90% थी। HDFC बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री तुषार अरोड़ा ने कहा, "सब्जी के दाम बढ़ने का उम्मीद से कहीं ज्यादा असर हुआ है। हमारा अब मानना है कि वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2019 की शुरुआत में भी महंगाई 4% से ऊपर रह सकती है।"

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई अक्टूबर में 3.58 प्रतिशत पर थी। एक साल पहले नवंबर में यह 3.63 प्रतिशत थी। इससे पहले पिछले साल अगस्त में यह 5.05 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। प्रोटीन वाले उत्पादों जैसे अंडों के दाम नवंबर में सालाना आधार पर 7.95 प्रतिशत बढ़े। कपड़ा और फुटवेअर महंगाई कम रही और यह 4.76% से घटकर 0.64% रह गई। अब माना जा रहा है कि इन आंकड़ों का नकारात्मक असर बुधवार को शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है।

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