दिल्ली सरकार को 30 मई तक शराब बिक्री से 235 करोड़ रुपये मिले

दिल्ली सरकार को 30 मई तक शराब बिक्री से 235 करोड़ रुपये मिले

IANS News
Update: 2020-06-06 18:30 GMT
दिल्ली सरकार को 30 मई तक शराब बिक्री से 235 करोड़ रुपये मिले

नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार को उम्मीद थी कि शराब बिक्री से उसे अधिक राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन चार मई से 30 मई तक वह नए कारोना शुल्क को छोड़कर मात्र लगभग 235 करोड़ रुपये ही संग्रह कर पाई है।

लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के साथ ही शहर में चार मई से शराब बिक्री की अनुमति दी गई थी। इसके पहले लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही 25 मार्च से शराब बिक्री बंद थी।

आबकारी विभाग के आंकड़े के अनुसार, पहले दिन पांच करोड़ रुपये की शराब बिकी थी, जब विशेष सेस लागू नहीं था।

लेकिन शराब बिक्री की अनुमति देने के एक दिन बाद यानी पांच मई से दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री पर विशेष कोरोना शुल्क लगा दिया, जो एमआरपी का 70 प्रतिशत था।

दूसरे दिन सेस को छोड़कर लगभग 4.4 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जबकि छह मई को 4.9 करोड़ रुपये की बिक्री हुई।

उसके बाद आठ और नौ मई को क्रमश: 15 करोड़ और 18 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। इस बिक्री राशि में कोरोना शुल्क शामिल नहीं है। और यह महीने के दौरान दिन भर की सर्वाधिक बिक्री है।

सरकार ने 30 मई तक 234.54 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री की और विशेष कोरोना शुल्क के रूप में लगभग 160 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए।

इस दौरान सात मई और 25 मई को दो ड्राई डे थे।

2020-21 के बजट में कर राजस्व में सरकार की कुल उम्मीद का 14 प्रतिशत यानी 6,300 करोड़ रुपये राज्य आबकारी से था।

लेकिन पहली अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते तीन मई तक कोई बिक्री नहीं हुई।

चार सरकारी निगम -दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रान्सपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड, और दिल्ली कंज्यूमर्स को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोर- लगभग 475 दुकानों के जरिए शराब बिक्री को नियंत्रित करते हैं।

कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते हुए राजस्व नुकसान के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 31 मई को केंद्र सरकार से 5,000 करोड़ रुपये की मांग की थी। दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि सरकार का न्यूनतम मासिक व्यय 3,500 करोड़ रुपये है, जिसमें वेतन भी शामिल है।

सिसोदिया ने कहा था, पिछले दो महीनों में हर महीने 500 करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ। अन्य स्रोतों से 1,735 करोड़ रुपये संग्रह हुए। लेकिन दो महीनों के लिए हमें 7,000 करोड़ रुपये की जरूरत है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन मई को कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल अप्रैल में 3,200 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के कारण सरकार को अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान में भी दिक्कत आ रही है।

Tags:    

Similar News