यहां मिला 101 करोड़ का कालाधन, ED ने इन कंपनियों को किया उजागर

यहां मिला 101 करोड़ का कालाधन, ED ने इन कंपनियों को किया उजागर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-13 17:27 GMT
यहां मिला 101 करोड़ का कालाधन, ED ने इन कंपनियों को किया उजागर

डिजिटल डेस्क, पुणे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 101.30 करोड़ रुपए की संपत्ति का भांडाफोड किया है। यह राशि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत हासिल की गई थी, जिसे आम बोलचाल में काले धन को वैध बनाना कहा जा सकता है। काले धन के स्रोत को जायज़ बनाने के लिए समृद्ध जीवन समूह की कंपनियों ने आपस में सांठ-गांठ की थी। ये कंपनियां मेसर्स समृद्धि जीवन फूड्स इंडिया लिमिटेड (SJFIL) के प्रमोटर और सीएमडी महेश किसान मोटेवार से संबंधित हैं।

मेसर्स समृद्धि जीवन फूड्स इंडिया लिमिटेड (SJFIL) नामक कंपनी महेश किसान मोटेवार, प्रमोटर और सीएमडी द्वारा संचालित की जाती है, जो पहले एक पॉन्ज़ी योजना चलाते थे, जिसमें उन्होंने करीब 20 लाख जमाकर्ताओं को लगभग 3500 करोड़ रुपए का धोखा दिया था। महेश किसान मोटेवार भोले-भाले निवेशकों के निवेश और जमा किए पैसों को मोटी तन्खाह पाने वाले कमीशन एजेंटों की सहायता से ऐंठ लेता था। निवेशकों से वादा किया जाता कि उनका पैसा मवेशियों जैसे बकरियों और भैंसों के पालन के लिए निवेश किया जाएगा और बदले में उन्हें बड़े लाभ मिलने के झूठे सपने दिखाए जाते थे।

प्रवर्तन निदेशालय के पास धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत इस मामले की जांच का जिम्मा आया। उन्हें अभियुक्त किस तरह से इतनी संपत्ति जमा की, इसका पता लगाना था। ताकि मामले में निवेशकों से एकत्र धन को लौटाया जा सके। जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने अभियुक्त पर अपना निशाना साधा।

जब उसके पास धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत संलग्न 101.30 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई। यह संपत्ति महाराष्ट्र सहित आठ अन्य राज्यों में भूमि, घर, दुकान और कार्यालय के रूप में हैं। ये ज़ायदाद मेसर्स समृद्धि जीवन फूड्स इंडिया लिमिटेड, संबद्ध कंपनियों, महेश किसान मोटेवार, परिवार के अन्य सदस्यों और व्यापारिक सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि धन कथित पॉन्ज़ी योजना से जुड़े गैर-संदिग्ध निवेशकों से एकत्र किया गया था। जिसके ज़रिए प्रमोटरों के अन्य व्यवसायों के विस्तार और निजी लाभों के धन का शोधन किया गया था। इनमें कुछ संपत्ति राजेंद्र सिंह अतर सिंह यादव से संबंधित हैं, जो चौधरी अतरसिंह यादव मेमोरियल एजुकेशन ट्रस्ट जैसी शैक्षिक संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ है।

साथ ही मैसर्स साई फाउंडेशन प्रा. लिमिटेड का उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में सिविल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस नाम से प्रमुख मेडिकल कॉलेज है। इससे पहले जून 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने 207 करोड़ रुपए की संपत्ति की पड़ताल की थी। इस मामले में हेलिकॉप्टर जिसका मूल्य 3.43 करोड़ रुपए के आसपास था, जब्त किया गया था। अब तक इस मामले में 308 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा हुआ है। इस मामले की आगे जांच जारी है।

Similar News