खुशखबरी: GST के दायरे से बाहर होंगी फ्री बैंकिंग सेवाएं !

खुशखबरी: GST के दायरे से बाहर होंगी फ्री बैंकिंग सेवाएं !

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-17 08:07 GMT
खुशखबरी: GST के दायरे से बाहर होंगी फ्री बैंकिंग सेवाएं !
हाईलाइट
  • एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग वित्तीय सेवा विभाग से मुफ्त बैंकिंग सेवाओं पर GST न लगाए जाने के लिए कह सकता है।
  • चैक बुक जारी किया जाना और एटीएम से विड्रॉल करना जैसी मुफ्त बैंकिंग सेवाएं GST के दायरे से बाहर हो सकती है।
  • वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से बैंक की तरफ से ग्राहकों को दी जाने वाली कुछ मुफ्त सेवाओं पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाए जाने को लेकर भ्रम की स्थिति को साफ करने के आद

डिजिटल डेस्क , नई दिल्ली। चैक बुक जारी किया जाना और एटीएम से विड्रॉल करना जैसी मुफ्त बैंकिंग सेवाएं GST के दायरे से बाहर हो सकती है। ये जानकारी वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से बैंक की तरफ से ग्राहकों को दी जाने वाली कुछ मुफ्त सेवाओं पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाए जाने को लेकर भ्रम की स्थिति को साफ करने के आदेश जारी किए है। एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग वित्तीय सेवा विभाग से मुफ्त बैंकिंग सेवाओं पर GST न लगाए जाने के लिए कह सकता है।

गौरतलब है कि बैंकों को मुफ्त सेवाओं पर शुल्क का भुगतान नहीं होने को लेकर नोटिस मिल रहे थे। ऐसे में वित्तीय सेवा विभाग ( डीएफएस ) ने राजस्व विभाग से संपर्क कर इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा कि क्या ऐसी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा। डीएफएस का मानना है कि चैक बुक जारी किया जाना, खाते का स्टेटमेंट और एटीएम निकासी एक सीमा तक मुफ्त है और उस पर कोई GST नहीं लगाया जा सकता।

दरअसल विभाग की तरफ से GST को लेकर ये सवाल उन नोटिस के बाद उठाया गया है, जो आयकर विभाग ने बैंकों को भेजे थे। इन नोटिस में बैंकों से कहा गया था कि वे अपनी तरफ से ग्राहकों को दी जाने वाली मुफ्त सेवाओं पर टैक्स दें। इसके बाद वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग को इसको लेकर तस्वीर साफ करने को कहा था। अगर विभाग ग्राहकों को बैंक की तरफ से मिलने वाली मुफ्त सेवाओं पर GST लगाने का फैसला लेता है, तो संभव है कि ग्राहक के लिए भी कई बैंक सेवाएं महंगी हो सकती हैं। यही नहीं, कई मुफ्त सेवाओं के लिए पैसे भी देने पड़ सकते हैं। इससे आम आदमी के लिए एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो सकता है। इसके अलावा अन्य मुफ्त सेवाओं के लिए पैसे देने पड़ सकते हैं।

भारतीय बैंक संघ ( आईबीए ) ने बैंकों के प्रबंधन की तरफ से कर प्राधिकरण के समक्ष बातें रखी है और जल्द इस पर स्थिति साफ हो सकती है।

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