संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द टैक्स फ्री हो सकती है 20 लाख तक की ग्रेच्युटी  

संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द टैक्स फ्री हो सकती है 20 लाख तक की ग्रेच्युटी  

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 05:51 GMT
संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द टैक्स फ्री हो सकती है 20 लाख तक की ग्रेच्युटी  


डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। दरसअल कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार जल्द ही 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी कर मुक्त करने का कानून पारित कर सकती है। ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 संसद के आगामी बजट सत्र में पारित होने की उम्मीद है। ये विधेयक पारित होने के बाद संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर कर नहीं देना होगा। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को फिलहाल पांच साल या अधिक की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति के बाद 10 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर कोई कर नहीं देना होता है। 

दरअसल  ये फैसला इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि सरकार, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी को करमुक्त रखने की सुविधा देना चाहती है। 

 

 

अगले सत्र में पास हो सकता है बिल

आपको बता दें कि ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 संसद के बजट सत्र में पारित होगा। इस बिल के तहत सरकार को केंद्रीय कानून के तहत मातृत्व अवकाश की अवधि और ग्रैच्युटी को नोटिफाइ करने की अनुमति मिल सकेगी। ये बिल 18 दिसंबर 2017 को लोकसभा में लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने पेश किया था। मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 को फैक्टरीज, माइन्स, ऑइलफील्ड्स, पोर्ट्स, रेलवे कंपनियों आदि संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पेमेंट के लिए लागू किया गया था।

 

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इन शर्तों पर मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ

ये कानून उन कर्मचारियों पर लागू होता है, जिन्होंने किसी एक संस्थान में लगातार कम से कम 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो। हालांकि संस्थान में कम से कम 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी होने चाहिए। इस अमेंडमेंट बिल से केंद्र सरकार को मातृत्व अवकाश पर भी बड़ा अधिकार मिल जाएगा। अभी 26 हफ्ते का अधिकतम मातृत्व अवकाश दिया जा रहा है।

आमतौर पर कर्मचारी के रिटायर होने पर ही ग्रैच्युटी की पेमेंट की जाती है। हालांकि इसके अलावा भी कुछ अन्य केस में भी कर्मचारी को ग्रैच्युटी का लाभ मिलता है। जैसे, कर्मचारी पेंशन की स्थिति में लाभ नहीं मिलेगा, यदि वह संस्थान में 5 साल तक काम करने के बाद इस्तीफा देता है तो लाभ नहीं मिलेगा, यदि कोई कर्मचारी 5 साल पूरे नहीं कर पाता है और बीच में ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तब भी उसके परिवार को ग्रैच्युटी की राशि मिलेगी।

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