बजट में आएंगे 'अच्छे दिन', 3 लाख तक की कमाई पर नहीं लगेगा टैक्स

बजट में आएंगे 'अच्छे दिन', 3 लाख तक की कमाई पर नहीं लगेगा टैक्स

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-09 15:38 GMT
बजट में आएंगे 'अच्छे दिन', 3 लाख तक की कमाई पर नहीं लगेगा टैक्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को 2018-19 के लिए बजट पेश करने वाले हैं। ये बजट मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है, लिहाजा सरकार अपने आखिरी बजट में हर वर्ग को खुश करने की कोशिश करेगी। बताया जा रहा है कि ये बजट मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत वाला हो सकता है। कहा जा रहा है कि सरकार टैक्स सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो 3 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 

टैक्स में हो सकते हैं बड़े बदलाव 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस बजट में 3 लाख तक की सालाना कमाई पर लगने वाले टैक्स को खत्म किया जा सकता है। इसके साथ ही 3-10 लाख तक की सालाना आय को 10 प्रतिशत टैक्स दायरे में लाया जा सकता है जबकि 10 से 20 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जा सकता है।

पिछले बजट में ये थे प्रावधान

पिछले बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन सालाना 2.5-5 लाख की आय पर कर की दर को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। वहीं 5 से 10 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देय कर दिया था। वर्तमान में, सालाना 10-20 लाख रुपये की आय वालों के लिए कोई अलग टैक्स स्लैब नहीं है।

1 फरवरी को पेश होगा आम बजट

वित्त वर्ष 2018-19 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे। इस बात की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने पिछले हफ्ते दी थी। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि बजट सेशल दो हिस्सों में बुलाया जाएगा। इसका पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगाा, जबकि दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बता दें कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद यह देश का पहला बजट होगा।

पहले 28 फरवरी को पेश होता था बजट

2016 तक बजट हमेशा 28 फरवरी को ही पेश किया जाता था, लेकिन साल 2017 में मोदी सरकार ने इस परंपरा में बदलाव करते हुए इसकी तारीख 1 फरवरी कर दी थी। इसके साथ ही रेल बजट को भी पहले अलग से पेश किया जाता था, लेकिन पिछले साल रेल बजट को भी आम बजट में शामिल करने का फैसला लिया गया था। बता दें कि पिछली साल सरकार ने जब 1 फरवरी को बजट पेश करने का फैसला लिया था, तो इसका विरोध हुआ था क्योंकि उस वक्त यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव चल रहे थे और विपक्ष ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। वहीं सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया था कि 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होती है। ऐसे में जल्द बजट पेश करने से समय पर धन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। इस बदलाव के साथ ही रेल बजट को भी अलग से पेश करने की परंपरा को समाप्त कर दिया गया था। रेल बजट को भी अब आम बजट में ही मिला दिया गया है।

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