दाल आयात की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है सरकार

दाल आयात की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है सरकार

IANS News
Update: 2019-10-11 16:00 GMT
दाल आयात की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है सरकार

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में दाल की कीमतों में हो रही वृद्धि के मद्देनजर, सरकार चालू वित्त वर्ष 2019-20 में दलहन आयात के लिए तय समयसीमा 31 अक्टूबर, 2019 को आगे बढ़ाने की दलहन कारोबारियों की मांग पर पर विचार कर सकती है।

इस संबंध में दलहन कारोबारियों के प्रतिनिधियों की शुक्रवार को यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें कारोबारियों ने अपनी कठिनाइयों से उन्हें अवगत कराया।

बैठक के बाद ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, हमने डीजीएफटी के अधिकारियों से कहा कि कुछ देशों में तुअर और उड़द की नई फसल देर से तैयार होती है और जहाज रवाना होने पर रास्ते में क्रॉसिंग के कारण पोर्ट पर जगह नहीं मिलने से जहाज लेट हो जाते हैं। इसी कारण व्यापारी अपना माल नहीं मंगवा रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमने सरकार से दलहन आयात की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2019 तक करने की मांग की है।

अग्रवाल ने कहा कि अधिकारी व्यापारियों की कठिनाइयों को भलीभांति जानते हैं, हालांकि उन्होंने यह समय सीमा बढ़ाने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया, मगर इतना जरूर कहा कि इस पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा, अधिकारियों ने उड़द के दाम में हो रही वृद्धि को लेकर भी चर्चा की, जिस पर हमने कहा कि उड़द के आयात के परिमाण की सीमा एक लाख टन और बढ़ा दिया जाए, जिससे कीमतों को काबू करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में चार लाख टन तुअर (अरहर), डेढ़ लाख टन उड़द और डेढ़ लाख टन मूंग के आयात की अनुमति दी है। इसके अलावा, डेढ़ लाख टन मटर का आयात करने की अनुमति दी गई है।

अग्रवाल ने बताया कि अरहर का आयात करीब 1.5 लाख टन हो चुका है और 2.5 लाख टन और मंगाया जा सकता है। उड़द का आयात करीब एक लाख टन हुआ, जबकि मटर का आयात पूरा 1.5 लाख टन हो चुका है।

उन्होंने बताया कि मूंग का दाम चूंकि विदेशों में भारत के मुकाबले ज्यादा है, इसलिए मूंग का आयात नहीं हो रहा है।

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