GST की नई दरें आज से लागू, 211 आइटम्स हुए सस्ते

GST की नई दरें आज से लागू, 211 आइटम्स हुए सस्ते

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-15 04:38 GMT
GST की नई दरें आज से लागू, 211 आइटम्स हुए सस्ते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज (बुधवार) से GST की नई दरें लागू हो जाएंगी। नई दरों को लागू करने का फैसला असम के गुवाहाटी में GST काउंसिल की 23वीं बैठक में लिया गया था, जिसमें कई बड़े बदलाव किए गए है। आम आदमी और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए GST काउंसिल ने 211 आइटम्स पर टैक्स घटा दिया है। आज से आपको अपने ग्रॉसरी बिल पर ज्यादा ध्यान देना होगा, क्योंकि नई दरें आपके जेब पर काफी असर डालने वाली हैं। मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर बेचे जाने वाले चॉकलेट, टूथपेस्ट, शैंपू, वॉशिंग पाउडर और शेविंग क्रीम जैसे कई प्रॉडक्ट्स के दाम घट जाएंगे। ऐसा इन्हें जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) के सबसे ऊंचे 28% रेट स्लैब से 18% स्लैब में लाने के चलते होगा। ग्रॉसरी बिल ही नहीं बल्कि अपने रेस्तरां के फूड बिल को भी अच्छे से चेक करें, क्योंकि रेस्तरां बिल को भी 12% और 18% के स्लैब से निकालकर 5% के दायरे में रखा गया है। रेस्ट्रॉन्ट इंडस्ट्री के लिए अब इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को भी खत्म कर दिया गया है।

                           

GST काउंसिल की 23वीं बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया था कि 28% के टैक्स स्लैब से 178 चीजों को बाहर कर दिया है और अब इन पर 18% टैक्स लगेगा, जबकि 50 लग्जरी आइटम्स को अभी भी 28% टैक्स स्लैब में ही रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया, "13 आइटम्स को 18% टैक्स स्लैब से हटाकर 12% टैक्स स्लैब में रख दिया गया है। 6 आइटम्स को 18% टैक्स स्लैब से 5% टैक्स स्लैब में, 8 आइटम्स को 12% टैक्स स्लैब से हटाकर 5% टैक्स स्लैब में और 6 आइटम्स जो कि 5% टैक्स स्लैब में थे, उन पर से टैक्स पूरी तरह हटा दिया गया है।"

                           

राज्यों और केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन 

इन सेक्टरों की कंपनियों ने अपने ट्रेड चैनल में ये सूचना देनी शुरू कर दी है कि टैक्स कट का फायदा कंज्यूमर को तुरंत दिया जाए क्योंकि रिवाइज्ड स्टिकर लगाने या नया स्टिकर प्रिंट करने में वक्त लगेगा। एक घड़ी कंपनी और एक प्रिंटर मेकर दाम तुरंत घटने की सूचना कंज्यूमर्स को देने के लिए अखबारों में विज्ञापन देने के बारे में सोच रही है। मैक्सिमम रिटेल प्राइस में टैक्स वाला हिस्सा भी होता है, लिहाजा अगर कोई कंपनी किसी प्रॉडक्ट का बेस प्राइस या डिस्ट्रीब्यूटर और डीलर का मार्जिन बढ़ाने का फैसला न करे, तो उसका दाम नीचे आना चाहिए। 

                             

राज्यों और केंद्र ने इस संबंध में नोटिफिकेशंस जारी करने के साथ नए रेट्स मंगलवार आधी रात से लागू हुए। PWC के इनडायरेक्ट टैक्स पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, "अच्छा है कि GST काउंसिल ने एक खास तारीख यानी 15 नवंबर से बदलाव लागू करने का निर्णय किया क्योंकि पहले के कुछ मामलों में विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग तारीखों पर अधिसूचनाएं जारी की थीं। हालांकि समय की कमी को देखते हुए अधिकतर कंपनियां प्रॉडक्ट्स के एमआरपी तुरंत नहीं घटा पाएंगी, लेकिन उन्होंने डीलरों और रिटेलरों से कहा है कि कीमतें कम की जानी चाहिए।" उन्होंने कहा कि कस्टमर्स को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किन प्रॉडक्ट्स के दाम कितने घट सकते हैं, भले ही उस प्रॉडक्ट पर MRP कुछ भी लिखा हो। 

क्या होगा सस्ता

सैनेटरी, सूटकेस, वॉलपेपर्स, प्लाईवुड, स्टेशनरी आर्टिकल, घड़ी, प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट्स, आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे कई प्रोडक्ट्स सस्ते हुए हैं, जबकि पेंट, सीमेंट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और तंबाकू जैसे सामानों पर कोई राहत नहीं मिली है।

कारोबारियों के लिए राहतें

GSTR-1 तीन महीने में एक बार भरना होगा।

GSTR-2 की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन किया गया है।

GSTR-4 भरने की डेडलाइल 24 दिसंबर रखी गई। 

-कंपोजिशन स्कीम का दायरा 1 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हुआ। 
-कारोबारियों को फॉर्म 3-बी भरने में राहत दी गई है। अब इसे 31 मार्च तक फाइल कर सकते हैं।
-1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है।
-1.5 टर्नओवर पर हर महीने रिटर्न फाइल करना होगा। 
-लेट फाइलिंग पर जुर्माना कम कर दिया गया है।
 

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