Real Estate: समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, DLF सदर्न होम्स को देना होगा 6% सालाना ब्याज

Real Estate: समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, DLF सदर्न होम्स को देना होगा 6% सालाना ब्याज

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-25 19:15 GMT
Real Estate: समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, DLF सदर्न होम्स को देना होगा 6% सालाना ब्याज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समय से ग्राहक को पजेशन नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ सदर्न होम्स को हर्जाना देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने DLF को आदेश दिया है कि वह 6 फीसदी सालाना ब्याज बॉयर्स को दे। DLF को यह पेमेंट एक महीने में करना होगा। इससे ज्यादा देरी होने पर पेमेंट करने तक 9 फीसदी इंटरेस्ट के साथ पेमेंट करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने NCDRC के फैसले को अलग रखा, जिसने 2 जुलाई, 2019 को 339 फ्लैट खरीदारों की शिकायतों को खारिज करते हुए कहा था कि वे उस मुआवजे के हकदार नहीं हैं, जो अग्रीमेंट में शामिल नहीं है।

2009 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
खरीदारों ने बेंगलुरु में डीएलएफ सदर्न होम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ आवासीय फ्लैट बुक किए थे, जिसे अब बेगुर ओएमआर होम्स प्राइवेट के नाम से जाना जाता है। इस प्रोजेक्ट को 27.5 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा था और इसमें 1980 यूनिट शामिल थीं। प्रोजेक्ट के तहत उन्नीस टावर बनाए जाने थे, जिनमें से प्रत्येक में एक अठारह मंजिलें थीं। 2009 में इस परियोजना को शुरू किया गया था और इसे 36 महीने में बन जाना था। लेकिन तबसे कई बार डेट बढ़ चुकी है। खरीदारों ने फ्लैटों के कब्जे को सौंपने में देरी के कारण NCDRC का रुख किया था और मुआवजे की मांग की थी। 

NCDRC ने माना था कि खरीदारों को फ्लैटों को सौंपने में देरी की गई। लेकिन अग्रीमेंट में हर महीने देरी के लिए सुपर एरिया के 5 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से मुआवजा प्रदान करने की बात कही गई थी। इस वजह से NCDRC  ने यह कहा था कि अग्रीमेंट की शर्त के अनुसार फ्लैट खरीदने वाले इसके अतिरिक्त कोई राशि लेने के हकदार नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि फ्लैट मालिक डेवलपर्स के साथ अपने अग्रीमेंट में निर्धारित राशि से अधिक की क्षतिपूर्ति के हकदार हैं। NCDRC के आदेश के खिलाफ डब्ल्यूजी सीडीआर आरिफुर रहमान खान और अन्य ने उनकी उपभोक्ता शिकायतों को खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की थी।

Tags:    

Similar News