भंडारा: बाघ के हमले में एक शख्स ने गंवाई जान, सप्ताह के भीतर की यह दूसरी घटना

  • महुआ संकलन करते समय किया हमला
  • सप्ताह के भीतर दूसरी घटना
  • नागरिकों में रोष

Anita Peddulwar
Update: 2024-04-05 13:10 GMT

डिजिटल डेस्क, पवनी (भंडारा) . महुआ संकलन करने गए एक शख्स की बाघ के हमले में मौत हो गई। घटना पवनी तहसील के सावरला ग्राम के जंगल में गुरुवार 4 अप्रैल को सुबह के दौरान हुई। मृतक का नाम ताराचंद लक्ष्मण सावरबांधे (60) है। इस सप्ताह के भीतर की यह दूसरी घटना है। इस घटन के कारण स्थानीय नागरिकों के रोष का वनकर्मियों को सामना करना पडा। वनविभाग की टीम में घटनास्थल पर पहुच कर स्थिति को नियंत्रण में लाया। पवनी तहसील के सावरला निवासी ताराचंद लक्ष्मण सावरबांधे (60) और उनका परिवार महुआ संकलन के लिए प्रादेशिक वन विभाग के सावरला परिसर स्थित कंपार्टमेंट 313 में गए। गुरुवार को सुबह सावरला से शेडी की ओर जाने वाले मार्ग पर महुआ महुआ संकलन करते समय अचानक से बाघ ने ताराचंद पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उनका बेटा और पत्नी दूसरी तरफ महुआ संकलन कर रहे थे। घटना की जानकारी हवा की तरह फैली। जिससे घटनास्थल पर नागरिकों की भीड़ बढ़ी। इस दौरान प्रादेशिक वनविभाग के कर्मचारियों ने पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए ग्रामीण अस्पताल पवनी में भेज दिया।

इस दौरान नागरिकों ने वनविभाग के खिलाफ तीव्र रोष व्यक्त किया। हालांकी, घटनास्थल पर जिला उप वनसंरक्षक राहुल गवई, सहायक उप वनसंरक्षक अधिकारी निलक, उप विभागीय पुलिस अधिकारी मनोज सिडाम, थानेदार निलेश ब्राह्मणे, एपीआय चहांदे, पुलिस नायक चांदेवार, तहसील वनक्षेत्राधिकारी नागदेवे, अड्याल के वनक्षेत्राधिकारी घनश्याम ठोंबरे, अड्याल क्षेत्र सहायक पंचभाई, वनक्षेत्राधिकारी आय. एच. काटेखाये, बिटरक्षक एम. एस. मंजलवर, वनमजदूर तुलशीदास कुंबले, उपसरपंच उत्तम सावरबांधे आदि ने पहुचकर स्थिति को नियंत्रण में लाया।

नागरिक सूचनाओं का पालन करें

राहुल गवई, उप वनसंरक्षक, वन विभाग भंडारा के मुताबिक बार-बार जंगल व्याप्त परिसर से सटे ग्रामीण अंचल के नागरिकों को वन्यजीवों से सावधानी की सूचनाएं दी जाती हंै। जिसका पालन नही होता। जीवनयापन के लिए ऐसा खतरा उठाने पर नागरिक मजबुर है। इसके लिए पीआरटी टीम का निमार्ण किया गया है। फिर भी नागरिक प्रतिबंध को नकारते हुए जंगलों में जाते हैं। जिसके कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। पीड़ित परिवार के दुख में वनविभाग शामिल है। परिवार को 10 लाख रुपए का चेक दिया गया। अन्य 15 लाख रुपए फिक्स डिपाजिट किए जाएंगे।

कब तक चलेगा सिलसिला?

सावरला-कन्हालगाव क्षेत्र यह जंगल व्याप्त विभाग के प्रादेशिक वनविभाग कार्यालय के तहत आता है। इससे सटे उमरेड करांडला अभयारण्य है। जिसके कारण बाघ का इस परिसर में मुक्त संचार रहता है। इस परिसर में बार बार बाघ के हमले की घटनाएं हो रही हैं। पिछले सप्ताह में कान्हलगांव की महिला का बाघ ने शिकार किया। यह सिलसिला कब तक चलेगा? ऐसा सवाल करते हुए जनता उपाय करने की मांग कर रही है।

 

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