आरोप-प्रत्यारोप: फडणवीस-खडसे के बीच चले शब्द बाण, सदस्य हैरान

  • खडसे के अकार्यक्षम गृहमंत्री कहने पर भड़के फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2023-12-12 09:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य एकनाथ खडसे के बीच एक बार शब्दों के बाण चले, जिस कारण विधान परिषद में सोमवार को वातावरण कुछ समय के लिए गर्म रहा। कैसिनो नियंत्रण और कर निरसन विधेयक पर खडसे ने फडणवीस को टारगेट करने का प्रयास किया, वहीं फडणवीस ने भी अपनी शैली में खडसे को जवाब दिया।

आपने कार्रवाई नहीं की : राज्य में 1976 में तत्कालीन सरकार ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए राज्य में कैसिनो शुरू करने को मंजूरी देने के संबंध का कानून बनाया था। यह कानून विधानसभा में रद्द करने के बाद यह विधेयक विधान परिषद में रखा गया था। इस विधेयक पर चर्चा करते हुए विरोधी पक्ष की ओर से एकनाथ खडसे ने फडणवीस पर निशाना साधा। एकनाथ खडसे ने कहा कि राज्य में कैसिनो शुरू करने को विरोध है, लेकिन जलगांव जिले में अनेक क्षेत्र में जुए के अड्डे शुरू हैं। इस संदर्भ में गृहमंत्री के रूप में आपको अब तक 52 बार सबूतों सहित पत्र दिए हैं। आपकी कार्यक्षम गृहमंत्री के रूप में पहचान है। आरोप लगाते हुए कहा कि इतने पत्र देने के बाद भी आपने कार्रवाई नहीं की। आप अकार्यक्षम हैं। जुआ अड्डे चलाने वालों के नाम देने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती है, जिस कारण उन्हें राजनीतिक आशीर्वाद तो नहीं है? यह सवाल भी उपस्थित किया। 

निश्चित कार्रवाई होगी : इस पर फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि नाथाभाऊ आपके बारे में मुझमे आदर है और मुझे भी पता है कि मेरे बारे में आपके मन में कितना प्रेम है। आपने जो शिकायत की है, उसमें संबंधित नाम, पता और फोन नंबर ही है। कभी इस संबंध में सबूत नहीं दिए। आपके जैसे ज्येष्ठ सदस्य से यह अपेक्षा नहीं है। आपने दिए नाम सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। इस दौरान फडणवीस ने उप-प्रश्न करते हुए कहा कि आपके पास सबूत नहीं है, तो मैं दूं क्या? उन्होंने कहा कि आप सबूत दें, निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। विधेयक पीछे लेने के इस प्रस्ताव पर दोनों नेताओं में सभागृह में हुए वार-पलटवार के कारण कुछ समय के लिए वातावरण गर्मा गया था।

अभिजीत वंजारी पर उखड़े पवार, मुंडे : विधानसभा में महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर (दूसरी संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद सोमवार को इसे विधान परिषद में लाया गया। विधेयक पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सदस्य एड. अभिजीत वंजारी ने अनेक सवाल उपस्थित करते हुए इस पर चर्चा के लिए एक दिन और बढ़ाने की मांग की। इस पर उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि यह बिल सचिन अहिर को कुछ समझ में आया, लेकिन अभिजीत वंजारी को नहीं। उन्होंने बताया कि यह विधेयक केंद्र का है। सभी राज्यों में यह पारित हो चुका है। इसमें सुधार की तत्काल जरूरत है। यह सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं है। ज्वाइंट सिलेक्शन कमेटी को इसे भेज नहीं सकते। वित्तमंत्री पवार के जवाब के बाद भी एड. वंजारी उप-प्रश्न करते रहे। ऐसे में पवार के बगल में बैठे कृषि मंत्री धनंजय मुंडे उठे और वंजारी पर उखड़ते हुए कहा कि शायद वंजारी पहली बार सदन में आए हैं। इस पर एड. वंजारी ने कहा कि नहीं 3 साल हो गए हैं। मुंडे ने फिर भी सदन में पहुंचने का पहला मामला है। नियमानुसार मंत्री के जवाब के बाद उप-प्रश्न नहीं किए जाते हैं। यह प्रश्नोत्तर नहीं है।

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