सरकारी कर्मचारी के खाते से गायब हो गए 1 लाख रुपए, बैंक में हुआ बेहोश

सरकारी कर्मचारी के खाते से गायब हो गए 1 लाख रुपए, बैंक में हुआ बेहोश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-10 07:46 GMT
सरकारी कर्मचारी के खाते से गायब हो गए 1 लाख रुपए, बैंक में हुआ बेहोश

डिजिटल डेस्क, सतना। अब तक एटीएम फ्रॉड करने वाले ठगों का सॉफ्ट टारगेट डेबिट कार्ड हुआ करते थे, लेकिन इस मर्तबा इन ठगों ने क्रेडिट कार्ड होल्डर को बनाया था। कलेक्ट्रेट में सेक्शन राइटर के पद पर पदस्थ सोनवर्षा के संजय कुमार मिश्रा तनय भूपेन्द्र कुमार मिश्रा के मोबाइल पर गुरुवार को एक ऐसा मैसेज आया जिसे पढ़कर वो भौचक्के रह गए। उनके खाते से 1 लाख रुपए से भी ज्यादा की ऑनलाइन खरीदी हो गई और उन्हें खबर तब हुई जब पेमेंट डेबिट होने का संदेश आया। जब तक वो भागे-भागे बैंक पहुंचे तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर जांच कराने के आदेश दिए हैं। 

क्या है पूरा मामला
श्री मिश्रा रोज की तरह सुबह 10 बजे अपने ऑफिस पहुंच गए। अभी उन्होंने कार्यालयीन काम ही शुरू किया था कि उनके बेहद साधारण मोबाइल पर 1 लाख 1 हजार 990 रुपए ट्रांसफर होने का मैसेज आया। यह मैसेज देखकर मानो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।

चक्कर खाकर गिरे
ब्लड प्रेशर के मरीज मिश्रा दौड़े-दौड़े बैंक पहुंचे और ब्रांच मैनेजर से मिलकर पूरी जानकारी बताई। इस पर ब्रांच मैनेजर ने मामले को बड़ा हल्के में लिया लिहाजा सेक्शन राइटर ने बैंक में हंगामा खड़ा कर दिया। देखते ही देखते तमाशबीनों का मजमा लग गया और मीडियाकर्मी पहुंच गए। मिश्रा इतना टेंशन में आ गए कि उनकी सांस फूलने लगी और चक्कर खाकर वहीं सोफे में गिर गए। दबाव बढ़ता देख ब्रांच मैनेजर मिश्रा को लेकर सेमरिया चौक स्थित बैंक के मेन ब्रांच ले गए। 

अप्रैल में खरीदी का मैसेज 1 माह बाद
मेन ब्रांच में इस्टेटमेंट देखने के बाद अधिकारियों ने बताया कि 11 अप्रैल को बैंगलोर में एक ई-कॉमर्स के जरिए 1 लाख 1 हजार 990 रुपए से एकमुश्त ऑनलाइन खरीदी की गई थी। लेकिन दिलचस्प पहलू यह है कि मोबाइल पर यह मैसेज खरीदी के 1 महीने पर क्यों आया? और भी कई सुलगते सवाल हैं, मसलन हर डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का ऑनलाइन इस्तेमाल करते समय उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आता है, ठगी करने वालों को वह कहां से मिला? पीड़ित उपभोक्ता का आरोप है कि बैंक से डेटा लीक हुआ है, जिसका वह शिकार बन गया।

इनका कहना है
ऐसे मामलों में पुलिस क्या कर सकती है। हमने पीड़ित की शिकायत को जांच में लेकर संबंधित बैंक प्रबंधन को जांच कराने के लिए पत्र लिखा है।
विद्याधर पाण्डेय टीआई, सिटी कोतवाली

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