NMC के एलईडी स्ट्रीट लाइट में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार, कोर्ट का फैसला जल्द

NMC के एलईडी स्ट्रीट लाइट में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार, कोर्ट का फैसला जल्द

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-07 07:50 GMT
NMC के एलईडी स्ट्रीट लाइट में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार, कोर्ट का फैसला जल्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। NMC में कथित एलईडी पथदीप भ्रष्टाचार प्रकरण पर केंद्रित जनहित याचिका पर गुरुवार को नागपुर बेंच में युक्तिवाद पूरा हुआ। कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनकर अगली सुनवाई में फैसला सुनाने का निर्णय लिया है। 100 करोड़ के इस कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनपा अधिकारियों पर निजी कंपनियों के साथ मिल कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है। 

56 करोड़ अतिरिक्त खर्च की
इस मामले में हाईकोर्ट ने सू-मोटो याचिका दायर की थी, एड. अभिज्ञान बाराहाते ने भी इसी विषय पर एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में प्रतिवादी और मनपा में इस मामले को उठाने वाले नगरसेवक संदीप सहारे ने अपने शपथपत्र में इस भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की। उन्होंने कोर्ट में दावा किया है कि नागपुर और ठाणे महानगर पालिका में एलईडी पथदीप लगाने का निर्णय हुआ। नागपुर मनपा जहां 36 वॉट के बल्ब का उपयोग कर रही है, तो वहीं ठाणे मनपा करीब 90 वॉट के एलईडी पथदीप लगा रही है। मगर इसके बाद भी नागपुर मनपा ने करीब 56 करोड़ की अतिरिक्त राशि इस कार्य में झोंक दी। और तो और नागपुर मनपा के कार्यकारी अभियंता ने अपने 3 जुलाई 2018 के पत्र में स्पष्ट किया है कि इस कामकाज का कोई ऑडिट मनपा की ओर से नहीं किया गया है। 

यह है आरोप
जनहित याचिका में आरोप है कि इस काम में अधिकारियों ने 8 निजी कंपनियों के साथ मिल कर करीब 100 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया है। कोर्ट ने भी इसी मुद्दे पर स्वयं जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है कि जिन एलईडी पथदीपों का बाजार मूल्य 3400 रुपए प्रति पथदीप है, उसे मनपा ने 9900 रुपए प्रति पथदीप के हिसाब से खरीदा है। नागपुर में ऐसे करीब 1.38 लाख पथदीप लगाए जाएंगे। याचिकाकर्ता ने इसे बड़ा भ्रष्टाचार बताते हुए जनता के पैसों का दुरुपयोग करार दिया है। मामले में याचिकाकर्ता बाराहाते की ओर से एड. शशिभूषण वाहाने कामकाज देख रहे हैं। एड. अमृता गुप्ता न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं।
 

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