पालघर मॉब लिंचिंग मामले में 14 और धराए, अब तक हो चुकी है 134 की गिरफ्तारी
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में 14 और धराए, अब तक हो चुकी है 134 की गिरफ्तारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पालघर जिले में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या के आरोप में मंगलवार को 14 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को भी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पकड़े गए आरोपियों की संख्या 134 तक पहुंच गई है। इनमें से 9 आरोपी नाबालिग हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमुख ने बताया कि सभी आरोपी उसी गड़चिंचले गांव के हैं जहां 16 अप्रैल को भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर को चोर समझकर पीट पीटकर मार डाला था। सभी आरोपियों को मामले की जांच कर रही क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) को सौप दिया गया है। पकड़े गए आरोपी वारदात के बाद से ही फरार थे। पुलिस से बचने के लिए आरोपी करीब एक महीने से घने जंगल में छिपकर रह रहे थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात पालघर पुलिस ने राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) और दंगा नियंत्रण पुलिस के साथ मिलकर मंगलवार सुबह तक अभियान चलाया और 14 आरोपियों को दबोच लिए। सोमवार को भी इसी तरह के अभियान में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस लगातार गांव में दबिश दे रही थी। इसके अलावा पुलिस उन लोगों का भी पीछा कर रही थी जो जंगल में आरोपियों को खाने पीने का सामान पहुंचा रहे थे।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को सैकड़ो लोगों ने बच्चा चोर समझकर गाड़ी में सवार साधुओं सुशीलगिरी महाराज और कल्पवृक्षगिरी महाराज के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगडे को पीट पीटकर मार दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम भी उन्हें बचा नहीं पाई थी और भीड़ पुलिसवालों पर हमलाकर साधुओं को उनके कब्जे से खींच ले गए थे।
निलेश के परिजनों के लिए लंदन से आई मदद
पिछले महिने पालघर में भीड़ द्वारा दो साधुओ सहित उनके वाहन चालक निलेश तेलगडे की हत्या कर दी गई थी। लंदन के भारतवंशीयों ने निलेश के परिवार के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।
लंदन में रहने वाले उत्तर प्रदेश कम्युनिटी एसोसिएशन ऑफ यूके (यूपीसीए) के अध्यक्ष मधुरेश मिश्र व संयुक्त महासचिव अश्विन श्रीवास्तव ने पालघर मे सन्तों के साथ मारे गए उनके ड्राईवर नीलेश की बेटियों की पढाई मे सहयोग करने का फैसला लिया है।
मधुरेश मिश्र ने बताया कि इस घटना से भारत ही नही बल्कि की विदेशों में रह रहे भारतीय बहुत दुःखी हैं। यह हम सब का कर्तव्य है कि संतों के सारथी नीलेश के बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करें और जो भी संभव मदद कर सकें, उसके लिए आगे आएं।