गुर्दा बेचने के बाद नहीं मिले पैसे, रैकेट का भांडाफोड़ करने वाले युवक ने कर ली खुदकुशी

गुर्दा बेचने के बाद नहीं मिले पैसे, रैकेट का भांडाफोड़ करने वाले युवक ने कर ली खुदकुशी

Tejinder Singh
Update: 2019-01-09 14:54 GMT
गुर्दा बेचने के बाद नहीं मिले पैसे, रैकेट का भांडाफोड़ करने वाले युवक ने कर ली खुदकुशी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पवई इलाके में स्थित हीरानंदानी अस्पताल में किडनी रैकेट का पर्दाफाश करने वाले 25 वर्षीय युवक का शव उसके घर में ही पंखे से लटका मिला है। सुंदर बलवंत सिंह ठाणे के दिवा इलाके में रहते थे। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है। हालांकि सिंह के परिवार वालों का कहना है कि वे आत्महत्या नहीं कर सकते। सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। वे ठाणे में पावभाजी की दुकान लगाते थे।

साल 2016 में हीरानंदानी अस्पताल में किडनी रैकेट का पर्दाफाश करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। दिवा के आगासन मार्ग पर स्थित ओम साईं अपार्टमेंट में रहने वाले सिंह ने एक बिचौलिए की मदद से दिल्ली के एक मरीज को किडनी बेची थी। यह सौदा पांच लाख रुपयों में हुआ था लेकिन सिंह को पैसे नहीं दिए गए थे। इससे नाराज सिंह ने अस्पताल का पर्दाफाश करने के लिए कागजात इकठ्ठा करना शुरू किया और पूरे रैकेट का भांडाफोड़ किया। पुलिस के मुताबिक सिंह के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। किसी के जबरन भीतर दाखिल होने के कोई सबूत नहीं हैं। शव की हालत देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौत तीन-चार दिन पहले हो गई थी। पुलिस को शक है कि सिंह ने पारिवारिक वजहों से आत्महत्या की है। फिर भी मामले की छानबीन की जा रही है। 

पत्नी से हुआ था झगड़ा
ठाणे पुलिस की प्रवक्ता इंस्पेक्टर सुखदा नारकर के मुताबिक सुंदर पिछले डेढ़ सालों से इस घर में रह रहा था। वह पावभाजी स्टाल चलाता था। शुरूआती छानबीन में खुलासा हुआ है कि सुंदर और उसकी पत्नी के बीच एक जनवरी को विवाद हुआ था। तीन जनवरी को उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी।  

किडनी कांड के बाद मिली थी धमकी
सुंदर को किडनी रैकेट का पर्दाफाश करने के बाद जान से मारने की धमकी मिली थी। इस वजह से वे कई महीनों तक छिपे हुए थे। किडनी कांड में सिंह सबसे अहम गवाह थे। जान के खतरे को देखते हुए सिंह ने पवई पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की थी।    
 

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