सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए 2900 करोड़ रुपए देने का फैसला, केंद्र से अबतक कोई मदद नहीं 

सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए 2900 करोड़ रुपए देने का फैसला, केंद्र से अबतक कोई मदद नहीं 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-24 16:29 GMT
सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए 2900 करोड़ रुपए देने का फैसला, केंद्र से अबतक कोई मदद नहीं 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार से सहायता मिलने में देरी होती देख राज्य सरकार ने प्रदेश के सूखा प्रभावित किसानों की फसलों के हुए नुकसान की आर्थिक मदद के लिए 2900 करोड़ रुपए देने का फैसला किया है। प्रदेश के राजस्व तथा मदद व पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी।

गुरुवार को मंत्रालय में पाटील की अध्यक्षता में सूखे की समीक्षा बैठक हुई। पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार के पास 7 हजार 950 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है लेकिन केंद्र की मदद का इंतजार किए बिना राज्य सरकार ने अपनी तिजोरी से लगभग आधी राशि 2900 करोड़ रुपए देने का फैसला किया है। इससे किसानों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि (एनडीआरएफ) के मापदंड के अनुसार मदद मिलेगी।

पाटील ने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभभ 6 हजार 800 रुपए में से आवंटित राशि से आधे पैसे मिलेंगे। मदद राशि किसानों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। लाभार्थी किसानों की सूची तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए गए हैं। राज्य में सरकार ने 151 तहसील और 268 राजस्व मंडलों के अलावा 931 गांवों में सूखे की घोषणा की है। सूखे की मदद के लिए केंद्र से मदद मिलने में देरी के सवाल पर पाटील ने कहा कि केंद्र सरकार को देश भर के सभी राज्यों को फैसला करना है। इसलिए हम केंद्र से मदद मिलने का इंतजार किए बिना अपने स्तर पर राशि वितरण शुरू करने का फैसला किया है।  

राजस्व मंडल स्तर पर शुरू होगी चारा छावनी 

किसानों के दबाव के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने पुशओं के लिए चारा छावनी शुरू करने का फैसला किया है। प्रदेश में राजस्व मंडल स्तर पर जानवरों के लिए चारा छावनी शुरू की जाएगी। मंत्री पाटील ने कहा कि 300 से 500 जानवरों के लिए एक चारा छावनी शुरू की जाएगी। जिन राजस्व मंडल में एक साथ ज्यादा चारा छावनी की जरूरत होगी। उसके लिए भी मंजूरी दी जाएगी। राज्य भर में लगभग 2 हजार राजस्व मंडल हैं। हर राजस्व मंडल में 15 से 20 गांव आते हैं। पाटील ने कहा कि राज्य में 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चारा उत्पादन के लिए बीज और खाद दिए गए हैं। फिलहाल राज्य में दूसरे प्रदेशों से चारा मंगाने की जरूरत नहीं है। 

Similar News