ताड़ोबा से 3 गिरफ्तार, करते थे पेंगोलिन की तस्करी, इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 3 लाख

ताड़ोबा से 3 गिरफ्तार, करते थे पेंगोलिन की तस्करी, इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 3 लाख

Tejinder Singh
Update: 2018-12-11 16:24 GMT
ताड़ोबा से 3 गिरफ्तार, करते थे पेंगोलिन की तस्करी, इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 3 लाख

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प में इंटरनेशनल तस्करों का भांडाफोड़ हुआ है। वनविभाग की टीम ने पेंगोलिन (सलगर) की तस्करी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पेंगोलिन की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब तीन लाख रुपए है। मामला सामने आने से यहां वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। रानतलोधी निवासी दिनेश देवराव सराटे, उम्र 24 साल, मोरवा निवासी विजय साईनाथ कूड़े, उम्र 35 साल, महेंद्र रामा येरमे, उम्र 25 साल को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि पेंगोलिन की तस्करी होने की सूचना वनविभाग को मिली थी। जिसके बाद टीम ने जाल बिछाया और एक शख्स को डील करने भेजा। इस दौरान 3 लाख रुपए में डील पक्की हुई। 

सोमवार को वनविभाग की टीम ने अजयपुर फाटे पर दिनेश नाम शख्स को पेंगोलिन के साथ धर दबोचा। उससे पूछताछ करने पर उसने गुनाह कबूल किया, साथ ही साथियों के नाम बताए। विजय और महेंद्र को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई वनविभाग के विभागीय वनाधिकारी (दक्षता) बी. पी.ब्राम्हने के मार्गदर्शन में चिचपल्ली वनपरिक्षेत्र अधिकारी वी.ए. राजुरकर, राउंड ऑफिसर एके. शेन्डे, वीजी जाम्भुल, वनसंरक्षक निकुरे, गुरुनुले, शिवनकर की टीम ने मुकम्मल की। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 51 (1) के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके पहले भी किया शिकार
बताया जाता है कि, आरोपियों ने इसके पहले भी वन्यजीवों के शिकार किए हैं। पेंगोलिन की इंटरनेशनल मार्केट में अच्छी कीमत मिलती है, इसलिए आरोपी ताडोबा और अन्य जंगल में इसे तलाशते थे। पेंगोलिन जमीन में गड्ढा खोदकर रहता है। उसे बाहर निकाल कर पकड़ते थे। इस पेंगोलिन को रानतलोधी गांव के जंगल, जो ताडोबा का कोर क्षेत्र है, वहां से पकड़ा था। ये आरोपी 50 हजार, 1 लाख जो मिली रकम लेकर आंतरराष्ट्रीय तस्करों से जुड़े गिरोह को बेचते थे। मामला दर्ज कर वनविभाग ने जांच शुरू की है।

जांच जारी
आरफओ वी.ए. राजुरकर के मुताबिक इस गिरोह में और कौन कौन शामिल हैं? इसकी जांच शुरू की है। इसमें और भी लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।  

खास बात
भारतीय पैंगोलिन, जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस क्रैसिकाउडाटा है, पैंगोलिन की एक प्रजाति है, यहा भारत, श्रीलंका, नेपाल और भूटान में मैदानी और हलके पहाड़ी इलाके में पाया जाता है। पैंगोलिन की आठ जातियों में एक है, जो विलुप्त हो रही है। हर पैंगोलिन जाति की तरह यह भी समूह की बजाय अकेला रहना पसंद करता है। नर और मादा केवल प्रजनन के लिए ही मिलते हैं। इसे स्थानीय भाषा में सलगर भी कहते हैं। 

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