LIT में शीघ्र भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त पद, 17 पदों के लिए 360 आवेदन मिले

LIT में शीघ्र भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त पद, 17 पदों के लिए 360 आवेदन मिले

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-23 13:07 GMT
LIT में शीघ्र भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त पद, 17 पदों के लिए 360 आवेदन मिले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अपने लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एलआईटी) में 17 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। हाल ही में पूरी हुई आवेदन की अवधि में यूनिवर्सिटी को इन नियुक्तियों के लिए करीब 360 आवेदन प्राप्त हुए हैं। नियुक्ति प्रकिया शुरू होने के पूर्व कुछ जानकार दावा कर रहे थे कि यूनिवर्सिटी को इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार मिलना मुश्किल है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रभारी कुलसचिव डॉ. नीरज खटी के अनुसार यूनिवर्सिटी को भरपूर मात्रा में आवेदन प्राप्त हुए हैं। ऐसे में योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने की चिंता यूनिवर्सिटी को नहीं है।

मंत्रालय को भेजा गया है प्रस्ताव
एलआईटी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास प्रस्ताव भेजा गया है। इधर राज्य सरकार ने भी इसके लिए 50 करोड़ रुपए जारी करने की तैयारी की है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के आदेश के बाद लंबे समय से खाली पड़े पदों पर आखिरकार नियुक्ति होने जा रही है। कोर्ट ने बीते 17 जनवरी को खाली पड़े इन पदों पर दो माह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए थे।

संस्थान पर पड़ रहा है असर
एलआईटी में 9 प्रोफेसर, 3 एसोसिएट प्रोफेसर और 7 असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की जाएगी। संस्थान में बीते कई वर्षों से शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जो संस्थान को ऑटोनॉमी या फिर डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने में रोड़ा बने हुए हैं। बीते दिनों एलआईटी के पूर्व छात्र संगठन सदस्य प्रसन्ना सोहडे ने इस दिशा में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने नागपुर विवि और राज्य सरकार को आपस में पदभर्ती पर फैसला लेने का आदेश जारी किया था। सरकार ने केवल 17 पदों पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। अभी भी संस्थान में 2 प्राध्यापक, 3 सहयोगी प्राध्यापक और 8 सहायक प्राध्यापक के पद मिला कर कुल 13 पद रिक्त रहेंगे। एलआईटी में टेक्नोलॉजी की 6, एमटेक की 4 और केमिकल की 7 शाखाएं हैं। संस्थान में 680 विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता है, लेकिन वर्तमान में संस्था में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने का बुरा प्रभाव संस्थान की शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर पड़ रहा था। ऐसे में इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर पदभर्ती के कारण ब्रेक लगा हुआ था।

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