बिना कागजी करवाई के लाखों भूमिधारी किसान बनेंगे भू-स्वामी

बिना कागजी करवाई के लाखों भूमिधारी किसान बनेंगे भू-स्वामी

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-20 08:35 GMT
बिना कागजी करवाई के लाखों भूमिधारी किसान बनेंगे भू-स्वामी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लाखों भूमिधारी किसान अब भूमिस्वामी बन जाएंगे। इसके लिए किसानों को कागजी कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ेगी। मंत्रिमंडल उपसमिति ने यह निर्णय लिया है। नागपुर जिले में 41746 व भंडारा जिले में 150019 किसानों को इसका लाभ मिलेगा। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को रविभवन में पत्र परिषद में जानकारी दी। 

यूएलसी जमीन भी देने की मांग  
उन्होंने बताया कि अर्बन लैंड सीलिंग (यूएलसी) के तहत किसानों के कब्जे की जमीन उन्हीं को देने की मांग भी सरकार से की गई है। पारसिवनी में यूएलसी की जमीन कब्जाधारक किसानों को दी गई है। उसी तरह अन्य क्षेत्रों के किसानों को भी उनके कब्जे की जमीन देने के लिए राज्य सरकार सकारात्मक िवचार कर रही है। जिला नियोजन समिति के माध्यम से जिले में विकास कार्य के लिए भरपूर निधि दी जा रही है। वर्ष 2015-16 में 222 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई गई थी। इस वर्ष 651 करोड़ की निधि दी गई है। पालकमंत्री ने दावा किया कि 30 वर्ष में जिले में जितनी निधि सरकार ने नहीं दी, उससे अधिक निधि 3 वर्ष में दी गई है। 

बारिश से पहले हॉकर जोन का निर्णय 
नागपुर में सड़क किनारे अतिक्रमण की समस्या दूर होगी। बारिश से पहले हॉकर जोन का निर्णय हो जाएगा। हाॅकर जोन बनने के बाद सड़क किनारे के अतिक्रमण सख्ती से हटा दिए जाएंगे। 

झुड़पी जंगल कानून की अड़चन भी दूर की जा रही है 
नागपुर शहर में ही देखें तो झुड़पी जंगल कानून के तहत 22 स्थानों पर विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। जिले में कई गांव में यह समस्या है। सरकार ने झुड़पी जंगल कानून को शिथिल कर जमीन के इस्तेमाल का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। झुड़पी जंगल की जमीन पर सौर ऊर्जा के अलावा अन्य सरकारी प्रकल्प बनाए जा सकेंगे। जिले में गायरान (चराई) की जमीन के इस्तेमाल को लेकर भी सरकार कदम उठा रही है। गायरान (चराई) की जमीन पर विकास कार्य का अधिकारी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को दिए हैं। अब गायरान (चराई) की जमीन पर सौर ऊर्जा के अलावा राज्य सरकार के विविध विकास प्रकल्प तैयार किए जा सकेंगे। विकास कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से होगा। पत्रकार वार्ता में विधायक सुधीर पारवे, विधायक समीर मेघे, विधान परिषद सदस्य गिरीश व्यास, पूर्व विधान परिषद सदस्य अशोक मानकर, भाजपा ग्रामीण के जिला अध्यक्ष डा.राजीव पोतदार,पूर्व जिप अध्यक्ष अशोक धोटे उपस्थित थे।

भूमिधारी किसानों की समस्या
पूर्व विदर्भ में किसान को दो वर्ग में रखा गया है। वर्ग-1 में भूमिस्वामी व वर्ग 2 में भूमिधारी। भूमिधारी किसान फसल उगाता है। खेती करता है, लेकिन जमीन का वह मालिक नहीं कहलाता है। कानूनी तौर पर जमीन का मालिक भूमिस्वामी कहलाता है। वर्ग-2 की खेती में किसान भूमिधारी व सरकार भूमिस्वामी रहते हैं। पालकमंत्री बावनकुले के अनुसार जमीन मालकियत की इस समस्या को दूर करने की प्रक्रिया 1968 में आरंभ हुई थी। कागजों के आधार पर भूमिधारी काे भूमिस्वामी बनाया जा रहा था, लेकिन कागजी कार्रवाई, शुल्क व अन्य अड़चनों के कारण कई किसान भूमिधारी ही रह जाते थे। लिहाजा उन किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। जमीन पर ऋण भी नहीं मिल पाता था। जमीन का बच्चों में बंटवारा नहीं हो पाता था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में राजस्वमंत्री चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में उपसमिति बनाई। उपसमिति में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुले, पंकजा मुंडे व राजकुमार बडोले शामिल हैं। उपसमिति के निर्णय के बाद सभी भूमिधारी को भूमिस्वामी का अधिकार मिलेगा। 

नहीं आएगी जिप चुनाव में अड़चन
बुटीबोरी नगरपरिषद बनने से जिला परिषद के चुनाव में कोई अड़चन नहीं आएगी। पालकमंत्री ने बताया कि बुटीबोरी को नगरपरिषद बनाने के निर्णय की सूचना राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को तत्काल दी है। 
 

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