कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे निजी अस्पतालों के 80 फीसदी बेड 

कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे निजी अस्पतालों के 80 फीसदी बेड 

Tejinder Singh
Update: 2020-05-19 17:01 GMT
कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे निजी अस्पतालों के 80 फीसदी बेड 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित करेगी। इन निजी अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के इलाज की फीस राज्य सरकार द्वारा तय दर के अनुसार लेनी होगी। सरकार की ओर से इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। मंगलवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। टोपे ने कहा कि निजी अस्पताल अगर ज्यादा फीस वसूलते हैं तो सरकार की ओर से नियुक्त सक्षम अधिकारी के पास शिकायत की जा सकेगी। टोपे ने कहा कि राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या अब 14 दिन बाद दोगुनी हो रही है। कोरोना संक्रिमत मरीजों के ठीक होने का प्रमाण 25 प्रतिशत है। टोपे ने कहा कि राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों में तालेमल आवश्यक है। इसके लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव अजोय मेहता की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। जबकि जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। 

मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता की बात नहीं 

टोपे ने कहा कि कोरोना के मरीजों की संख्या जरूरत बढ़ रही है क्योंकि राज्य में हर दिन 15 हजार से अधिक जांच हो रही है। लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुंबई के अलावा राज्य के किसी भी जिले में कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी नहीं है। मुंबई में केवल आईसीयू बेड की थोड़ी कमी है। इसलिए निजी अस्पतालों की मदद ली जा रही है। टोपे ने कहा कि अगले दो महीने में स्वास्थ्य विभाग की 17 हजार रिक्त जगहों को भर लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मानसून के मद्देनजर मलेरिया और डेग्यू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए उपाय योजना शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना के 2100 नए मरीज मिले हैं। इससे कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 37158 हो गई है। वहीं कोरोना के 1202 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है। कोरोना की बीमारी से अभी तक 9 हजार 639 मरीज ठीक हो चुके हैं। 

कोरोना संक्रमित शव से नहीं फैलती यह बीमारी

उधर मुंबई महानगपालिका ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव से कोरोना का संक्रमण नहीं होता है। इसके अलावा मनपा कोरोना बाधित के शवों को दफनाने को लेकर केंद्र सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी दिशा- निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही है। मनपा ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी है। मनपा ने यह हलफनामा सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप गांधी की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि घनी आबादी वाले इलाकों में स्थित कब्रिस्तान में कोरोना संक्रमित मरीज के शव को दफनाने से रोका जाए। क्योंकि इससे  कोरोना का सामुदायिक संक्रमण बढ़ सकता है। मनपा के सहायक चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि याचिका का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह याचिका गलत धारणा के चलते दायर की गई है। क्योंकि अब तक शव से कोरोना के संक्रमण का कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए याचिका को जुर्माने के साथ खारिज किया जाए। कोरोना बाधित के शव को दफनाने के विषय में केंद्र सरकार ने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किया है। जिसका कड़ाई से पालन हो रहा है। 
 
 

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