वॉट्सएप ग्रुप से 900 कपल हुए एक दूजे के, अग्रवाल समाज का अटूट रिश्ता’ बना मिसाल

वॉट्सएप ग्रुप से 900 कपल हुए एक दूजे के, अग्रवाल समाज का अटूट रिश्ता’ बना मिसाल

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-06 04:54 GMT
वॉट्सएप ग्रुप से 900 कपल हुए एक दूजे के, अग्रवाल समाज का अटूट रिश्ता’ बना मिसाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाईटेक दौर में अब अब तक रिश्ते भी हाईटेक साधनों से जुड़ने लगे हैं। ऐसी ही अनोखी मिसाल बना है अग्रवाल समाज का  वॉट्सएप ग्रुप "अटूट रिश्ता’। इस वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से दो साल में दो-चार नहीं, पूरे 900 जोड़ों के रिश्ते तय किए। ‘अटूट रिश्ता’ ग्रुप राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में कार्य कर रहा है। ग्रुप में लगभग 2400 सदस्य हैं।

पैसे और समय की बर्बादी रोकने के प्रयास
विवाह योग्य युवक-युवतियों के रिश्ते आज भी अमूमन सगे-संबंधियों द्वारा बातचीत से तय किए जाते हैं। विभिन्न समाजों द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन आम बात है, लेकिन नागपुर के सजन गोयल को सम्मेलन में पैसे और समय की बर्बादी नजर आई। उन्होंने सोचा कि क्यों न सोशल मीडिया वॉट्सएप का इस्तेमाल रिश्ते तय करने के लिए किया जाए, जिसमें न पैसा लगेगा और न समय की बर्बादी होगी। घर बैठे जानकारी भी मिलती रहेगी। युवक और युवतियों के परिचय और रिश्ते तय करने के लिए उन्होंने 24 जुलाई 2016 को वॉट्सएप ग्रुप ‘अटूट रिश्ता’ बनाया। उनकी इस अनोखी सोच और पहल का अग्रवाल समाज ने स्वागत किया। वॉट्सएप ग्रुप की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्रुप के माध्यम से दो साल में ही 900 जोड़े के रिश्ते तय हुए। 

हर दिन अलग कैैटेगरी के बायोडाटा  
‘अटूट रिश्ता’ ग्रुप की विशेषता यह है कि हर दिन अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से बायोडाटा भेजे जाते हैं। सोमवार से रविवार तक ग्रुप में बायोडाटा ढूंढने में तकलीफ न हो और आसानी से मिले इसका ख्याल रखा जाता है। सोमवार को डाॅक्टर और सीए, मंगलवार को इंजीनियर, बुधवार को ग्रेजुएट, गुरुवार को दोपहर 1 बजे तक नॉन मैट्रीक, विधवा, विधुर, सफेद दागवाले, दोपहर 2 बजे से मांगलिक और 30 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले, शुक्रवार को व्यवसायिक, शनिवार को किसी भी कैटेगरी की लड़कियां और रविवार को लड़कों के बायोडाटा डाले जाते हैं।

नि:शुल्क नि:स्वार्थ सेवा
"अटूट रिश्ता’ ग्रुप के संचालक (एडमिन) नागपुर के सजन गोयल हैं। गोयल ग्रुप की सफलता का श्रेय स्वयं न लेकर ग्रुप से जुड़े सभी सदस्यों को देते हैं। उनका कहना है सभी सदस्यों के सहयोग से आगे भी इसी तरह की नि:शुल्क और नि:स्वार्थ सेवा देने का प्रयास करेंगे। ग्रुप के सभी सदस्य अपना समय देकर नि:शुल्क और नि:स्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।

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