सड़क हादसों में 93 फीसदी शिकार होते हैं पैदल, सायकिल या फिर बाईक सवार

सड़क हादसों में 93 फीसदी शिकार होते हैं पैदल, सायकिल या फिर बाईक सवार

Tejinder Singh
Update: 2019-09-26 15:11 GMT
सड़क हादसों में 93 फीसदी शिकार होते हैं पैदल, सायकिल या फिर बाईक सवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस और ब्लूमबर्ग के बीच समझौता रंग ला रहा है। ब्लूमबर्ग फिलेंथ्रोपिज इनीशिएटिव फॉर ग्लोबल रोड सेफ्टी (बीआईजीआरएस) की मदद से महानगर में होने वाले जानलेवा सड़क हादसों पर कुछ हद तक कमी लाने में कामयाबी मिली है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में महानगर में सड़क हादसों में कुल 475 लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा साल 2015 के मुकाबले 22 फीसदी कम है। बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और माइकल ब्लूमबर्ग ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बाद सड़क हादसे रोकने की कोशिशें शुरू हुईं थीं।

अमेरीकी कंपनी की मदद से दुर्घटनाओं में आ रही कमी 

संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि मुंबई में सड़क हादसों के 93 फीसदी शिकार पैदल, साइकल चालक और मोटर साइकल चालक होते हैं और हादसों में 51 फीसदी मौतें भी इन्ही लोगों की होती है। इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा संस्थान द्वारा फुटपाथों को ज्यादा सुरक्षित बनाने, उनकी ऊंचाई बढ़ाने, स्पीड ब्रेकर बनाने जैसे कई अहम सुझाव दिए गए हैं, जिस पर सरकार अमल कर रही है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि 99 फीसदी जानलेवा सड़क हादसों में चालक पुरुष होते हैं और इनका शिकार भी 85 फीसदी पुरुष ही होते हैं। पिछले चार सालों में बेस्ट बसों, स्कूल बसों, निजी बसों से होने वाले हादसों में भी 50 फीसदी की कमी आई है। वाइटल स्ट्रैटिजीज के लिए काम करने वाली डॉ सारा ह्वाइटहेड के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को हादसा नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि इन्हें रोका जा सकता है। रिपोर्ट से साफ है कि अगर सही उपाय किए जाएं तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि जुर्माने की रकम बढ़ाने पर भले ही हो हल्ला मच रहा है लेकिन लोग ट्रैफिक से जुड़े नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ट्रैफिक नियमों को उल्लंघन के ज्यादातर मामले बढ़े हैं। सीसीटीवी के चलते सिर्फ तेज रफ्तार वाहन चलाने के मामले में कुछ कमी आई है और साल 2018 के 777600 मामलों के मुकाबले इस अगस्त तक साल ओवर स्पीडिंग के 92601 मामले ही सामने आएं हैं।

हादसों का शहर

साल                  हादसे     मौत       घायल     
2018                3162     457       2350
2019 (अगस्त)   1923     265       1430


ट्रैफिक नियमों को धता बताते हैं लोग

साल                मोबाइल इस्तेमाल  बिना हेलमेट   बिना सीटबेल्ट   नशे में ड्राइविंग
2018              26241                 121142         17972            11711
2019(अगस्त)  26588                 258626         20077            10092

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