यहां पर सोनोग्राफी कराने के लिए 'आधार कार्ड' लाना जरूरी!
यहां पर सोनोग्राफी कराने के लिए 'आधार कार्ड' लाना जरूरी!
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों से आकर सोनोग्राफी कराने वालों के लिए ‘आधार’ जरूरी बना सकती है। इसके अलावा यहां से दूसरे राज्यों में जाकर सोनोग्राफी कराने वालों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जा सकती है। जन्म पूर्व लिंग परीक्षण को रोकने को लेकर गठित समिति ने इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की है। आधार जरूरी करने के लिए सरकार पड़ोसी राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी।
पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में खासतौर पर इसका सख्ती से पालन कराने की कोशिश होगी। महाराष्ट्र में कुल 7600 सोनोग्राफी सेंटर हैं, इसीलिए खास इलाकों में ‘आधार’ जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि आधार कार्ड न होने पर निवास से जुड़े अन्य पहचान-पत्र भी मान्य होंगे। महाराष्ट्र में फिलहाल प्रति हजार लड़कों पर औसतन 904 लड़कियों का जन्म हो रहा है।
सरकार ने ऐसे 9 तहसीलों की पहचान की है, जहां बालिका जन्मदर अन्य इलाकों के मुकाबले कम है। नंदुरबार के अक्कलकुंआ में बालिका जन्मदर सबसे कम 495 है। वहीं, रायगढ़ के ताला में 736, रत्नागिरी के मंडनगड में 750, औरंगाबाद के फुलांबरी में 757, बीड़ के शिरूर कासर में 758, नांदेड़ के धर्माबाद में 792, वर्धा के शेलू में 761, यवतमाल के महागांव में 786 और पुणे के मुलसी में प्रति हजार लड़कों पर 769 लड़कियों का जन्म हो रहा है।