सातवें वेतन आयोग के मुताबिक फरवरी से मिलेगी वेतन बढ़ोतरी, प्याज किसानों को मिलेगा 200 प्रति क्विंटल अनुदान

सातवें वेतन आयोग के मुताबिक फरवरी से मिलेगी वेतन बढ़ोतरी, प्याज किसानों को मिलेगा 200 प्रति क्विंटल अनुदान

Tejinder Singh
Update: 2019-01-31 17:21 GMT
सातवें वेतन आयोग के मुताबिक फरवरी से मिलेगी वेतन बढ़ोतरी, प्याज किसानों को मिलेगा 200 प्रति क्विंटल अनुदान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक वेतन पाने के लिए राज्य कर्मचारियों को अभी एक महीने और इंतजार करना पड़ेगा। सरकार ने गुरूवार को इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। शासनादेश में देरी के चलते सरकारी कर्मचारियों को जनवरी महीने का वेतन पुरानी वेतनश्रेणी के मुताबिक ही मिलेगा। बढ़ा हुआ वेतन पाने के लिए राज्य कर्मचारियों को मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा। सातवें वेतन आयोग के लिए राज्य कर्मचारियों को हड़ताल करनी पड़ी थी। इसके बाद सरकार ने 1 जनवरी 2019 से वेतन आयोग से जुड़े लाभ देने का वादा किया था। कर्मचारियों को जनवरी 2016 से वेतन आयोग का फायदा मिलेगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, लेकिन वित्त विभाग की ओर से शासनादेश जारी करने में हुई देरी के चलते वेतन आयोग पर अमल में देरी हुई।

वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की रकम 20 से 25 तारीख के बीच कोषागार में जमा हो जाती है इसलिए मौजूदा महीने का वेतन पुरानी श्रेणी के मुताबिक ही दिया जाएगा। फरवरी महीने से वेतन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक दिया जाएगा। जनवरी महीने का बढ़ा हुआ वेतन भी फरवरी महीने में ही कर्मचारियों को मिलेगा। वहीं पिछले पांच साल का बकाया कर्मचारी भविष्य निधि में पांच किस्तों में जमा होगा। 
 

प्याज बेचने वालों किसानों को मिलेगा 200 प्रति क्विंटल अनुदान

प्रदेश के कृषि उपज बाजार समितियों में अब 1 नवंबर से 31 दिसंबर 2018 के बीच प्याज बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 200 रुपए के हिसाब से अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने अनुदान देने की अवधि को बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पहले सरकार ने राज्य की कृषि मंडियों में 1 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच प्याज बिक्री करने वाले किसानों के लिए अनुदान योजना का लाभ देने का निर्णय लिया था लेकिन अब योजना की समयावधि को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। गुरुवार को राज्य सरकार के विपणन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। सरकार का कहना है कि किसानों, किसान संगठनों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांगों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। सरकार की योजना के तहत किसानों को अधिकतम 200 क्विंटल प्याज बेचने के लिए अनुदान मिल सकता है।
 

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