रिटायर होने के बाद भी सेवानिवृत्त कर्मचारी के  खिलाफ हो सकती है कार्रवाईः हाईकोर्ट

रिटायर होने के बाद भी सेवानिवृत्त कर्मचारी के  खिलाफ हो सकती है कार्रवाईः हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-15 12:33 GMT
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेवानिवृत्त के बाद भी नियोक्ता सेवा के दौरान कर्मचारी द्वारा किए गलत कार्य को लेकर कार्रवाई कर सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने एक न्यायिक अधिकारी की याचिका को खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति आरएम बोर्ड व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति कर्मचारी को सेवा के दौरान किए गए कदाचार के लिए पूरी तरह से संरक्षण प्रदान नहीं करती। इसलिए सेवानिवृत्त के बाद भी सेवा के दौरान किए गए गलत कार्य को लेकर कार्रवाई की जा सकती है।

न्यायिक अधिकारी ने याचिका में दावा किया था कि उसने नई नौकरी ज्वाइन करने के लिए स्वेच्छा सेवा निवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। अब मैं सेवानिवृत्त हो चुकी हूं। ऐसे में मेरे खिलाफ विभागीय जांच को जारी रखना उचित नहीं है।  सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त महिला न्यायिक अधिकारी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राम आप्टे ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच को जारी रखा जाए। 

 मामले से जुड़े तथ्यों व हाईकोर्ट के पुराने फैसले पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को विभागीय जांच की शर्त के आधार पर स्वेच्छा सेवानिवृत्ति को स्वीकार किया गया है। जिसके बारे में याचिकाकर्ता को जानकारी थी। ऐसे में हम उसकी याचिका पर विचार नहीं कर सकते है। कर्मचारी के अच्छे कार्य के लिए सेवानिवृत्त के बाद पेंशन प्रदान की जाती है। पर बाद में यदि कर्मचारी को सेवा के दौरान उसके द्वारा किए गए गलत कार्य अथवा लापरवाही के लिए दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन को या तो वापस ले लिया जाता है अथवा उसे रोक दिया जाता है। सेवानिवृत्त किसी कर्मचारी को पूर्णतः सेवा के दौरान किए गए कदाचार से संरक्षण नहीं प्रदान करती है। इसलिए नियोक्ता कर्मचारी द्वारा सेवा के दौरान किए गए गलत कार्यों की जांच कर सकता है। यह कहते हुए खंडपीठ न्यायिक अधिकारी की याचिका को खारिज कर दिया। 
 

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