मोर्चे में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, ओखी तूफान प्रभावितों को मिलेगी मदद

मोर्चे में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, ओखी तूफान प्रभावितों को मिलेगी मदद

Tejinder Singh
Update: 2018-02-21 15:44 GMT
मोर्चे में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, ओखी तूफान प्रभावितों को मिलेगी मदद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने राज्य में पिछले साल दिसंबर महीने में आए ओखी चक्रवात के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों के लिए मदद मंजूरी की है। बुधवार को प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार राज्य में 2 हेक्टेयर तक जमीन धारक किसानों को बागायती क्षेत्र की फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए मिलेंगे। जबकि शुष्क भूमि पर खेती करने वाले किसानों को फसलों के नुकसान के ऐवज में प्रति हेक्टेयर 6 हजार 800 रुपए दिए जाएंगे। बागायती क्षेत्र और शुष्क भूमि वाले क्षेत्र के किसानों के लिए बुआई क्षेत्र की मर्यादा निश्चित की गई है। लेकिन किसानों को मदद राशि प्रति हेक्टेयर 1 हजार रुपए से कम नहीं दी जाएगी। वहीं बहुवार्षिक फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 18 हजार रुपए मदद मिलेगी। बहुवार्षिक फसलों के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए से कम नहीं मिलेंगे। दूसरी तरफ 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन धारक किसानों को बागायती क्षेत्र के लिए 13 हजार 500 रुपए और शुष्क भूमि वाली खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 6 हजार 800 रुपए दिए जाएंगे। लेकिन किसानों को अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र तक की फसलों के लिए ही मदद मिल सकेगी। बहुवार्षिक फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 18 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र तक की फसलों के लिए यह मदद मिलेगी। सरकार के अनुसार खेती और फलों का 33 प्रतिशत या फिर उससे अधिक नुकसान होने पर ही किसानों को मदद मिल सकेगी। किसानों को पंचनामा के अनुसार मदद राशि सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। फसलों और बहुवार्षिक फसलों के अलावा बागायती क्षेत्र को लेकर सातबारा में पंजीयन होना आवश्यक होगा। राज्य में 4 से 6 दिसंबर 2017 के बीच ओखी चक्रवात के कारण किसानों की फसलों और तटीय क्षेत्र में मछुआरों का काफी नुकसान हुआ था। 

मोर्चे में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, सर्कुलर जारी

इसके अलावा राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन की तरफ से 22 फरवरी को मंत्रालय पर निकाले जाने वाले महामार्चा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारी, अर्धसरकारी कर्मचारी व शिक्षक- शिक्षकेतर कर्मचारियों के शामिल होने पर अनुशात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इस बारे में परिपत्र जारी किया गया है। इसके मुताबिक कर्मचारी संगठन ने गुरुवार को मंत्रालय पर महामार्चा निकालने का नोटिस सरकार को दिया है। कर्मचारी संगठन की तरफ से सातवें वेतन आयोग समेत विभिन्न मांगों को लेकर महामार्च निकाला जा रहा है। सरकार का कहना है कि इस महामार्चे में सरकारी कर्मचारी और अर्धसरकारी कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह कर्मचारी संगठन सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन नहीं है। इसलिए कर्मचारी संगठन के महामोर्चे में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बात की जानकारी देने के लिए सभी विभागों को अपने कार्यालयों में बोर्ड पर सूचना लगानी होगी। सरकार ने विभागों से कहा है कि कार्यालयीन समय में अधिकारी और कर्मचारियों को महामार्चे में शामिल न होने के लिए समझाने का प्रयास करें। कार्यालयीन कामकाज के समय मार्च, प्रदर्शन और आंदोलन करने पर प्रतबिंध रहेगा। सरकार ने मोर्चे के दिन सभी विभागों के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के बारे में दिशा निर्देश जारी किया है। 
 

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