खुलासा : आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में सामने आए सेना के दो पूर्वाध्यक्षों के नाम

खुलासा : आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में सामने आए सेना के दो पूर्वाध्यक्षों के नाम

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-09 09:14 GMT
खुलासा : आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में सामने आए सेना के दो पूर्वाध्यक्षों के नाम

डिजिटल डेस्क, मुंबई. रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुंबई के कोलाबा में स्थित मशहूर आदर्श सोसायटी घोटाले में सेना के दो पूर्व प्रमुखों समेत कई बड़े अफसर शामिल थे। इन अधिकारियों पर घोटाले को शह देने, कमीशन लेने जैसे कई आरोप लगे हैं। जांच समिति ने 199 पेज की रिपोर्ट में पूर्व सेना प्रमुख जनरल एन सी विज (2002-2005) और दीपक कपूर (2007-2010) के अलावा तीन लेफ्टिनेंट जनरल, चार मेजर जनरल और दर्जनभर सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ डिफेंस एस्टेट ऑफिस के अधिकारियों के भी नाम का उल्लेख किया है और सरकार से उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

जांच में जिन अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, उनमें से अधिकांश के आदर्श कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट हैं। 31 मंजिली यह इमारत कोलाबा में मिलिट्री स्टेशन हेलीपैड के काफी करीब बनी है जो एक बड़ा सुरक्षा खतरा है। आरोपियों में शामिल तीन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल्स में जी एस सिहोटा, तेजिन्दर सिंह और शांतनु चौधरी के नाम हैं, जबकि मेजर जनरल्स में ए आर कुमार, वी एस यादव, टी के कौल और आर के हुदा शामिल हैं। इससे पहले साल 2011 में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई सैना की आंतरिक जांच रिपोर्ट में भी ये नाम शामिल थे।

सीबीआई पहले ही जुलाई 2012 में छह अफसर, मेजर जनरल ए आर कुमार और टी के कौल, ब्रिगेडियर टी के सिन्हा और एम एम वांचू, कर्नल आर के बख्शी और पूर्व डीईओ अफसर आर सी ठाकुर को किंगपिन के रूप में चार्जशीट दायर कर चुकी है लेकिन अभी तक इन पर आपराधिक मामलों का ट्रायल शुरू नहीं हो सका है।

बता दें कि आदर्श घोटाला 2010 में सामने आया था। शहीदों की पत्नियों, बच्चों और पूर्व सैनिकों के नाम पर बनने वाले इस हाउसिंग सोसायटी में शीर्ष सैन्य अफसरों ने नेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलीभगत के जरिए मनमाने तरीके से फ्लैट का आवंटन कराया। इसके लिए सभी तरह के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की नए सिरे से उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया।

जांच रिपोर्ट में सरकार से दोषी अफसरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की गई है। हालांकि सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ अब आर्मी ऐक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो सकती क्योंकि उन्हें रिटायर हुए 3 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस घोटाले की वजह से अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र की सीएम पद छोड़ना पड़ा था। चव्हाण समेत इसमें पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण पर भी आरोप लगे थे। 31 मंजिला 102 फ्लैटों वाली इस इमारत के घोटाले में 23 बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ था और 12 आईएएस अधिकारियों का नाम सामने आया था, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया था। मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट बिल्डिंग का गिराने का आदेश दे चुकी है।

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