मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 हजार जमा करने की शर्त पर मिली पुलिसकर्मी को अग्रिम जमानत

मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 हजार जमा करने की शर्त पर मिली पुलिसकर्मी को अग्रिम जमानत

Tejinder Singh
Update: 2020-10-19 14:01 GMT
मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 हजार जमा करने की शर्त पर मिली पुलिसकर्मी को अग्रिम जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मां के निधन के बाद अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सों के साथ बदसलूकी करनेवाले एक एसआरपीएफ (रिजर्व पुलिस बल) कांस्टेबल को मुख्यमंत्री राहत कोष में  25 हजार रुपए जमा करने का निर्देश दिया है। शंकर जाधव नाम के पुलिसकर्मी के खिलाफ पुलिस ने 332, 353 व 427, 504 व महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी शंकर जाधव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था।

न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि अस्तपाल में मेरे मुवक्किल की मां के निधन के चलते वह सदमे में था। इसलिए आपा खो बैठा। उन्हें अपने अशोभनीय आचरण पर पछतावा है। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी ने कोरोना योद्धाओं के साथ बदसलूकी थी। ये लोग दिन रात कोरोना मरीजों की सेवा में तैनात रहते हैं। चूंकि आरोपियों को अपने किए पर पछतावा है और इस मामले में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत नजर नहीं आती है। इसलिए उसे 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। अदालत ने 25 हजार रुपए चार सप्ताह में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने को कहा है। न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड न करने को कहा है। 

 
 

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