आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के चयन के बाद दबाकर बैठ गए फाइल!

जारी नहीं किया जा रहा पदस्थापना आदेश, परेशान हो रहीं चयनित महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के चयन के बाद दबाकर बैठ गए फाइल!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-19 14:14 GMT
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डिजिटल डेस्क सिवनी। धूमा, लखनादौन सहित अन्य जगह के लिए चयनित हुईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की फाइल जिला कार्यक्रम व महिला बाल विकास विभाग कार्यालय में जाकर अटक गई है। इसके चलते मार्च माह में प्रारंभ हुई भर्ती प्रक्रिया पांच माह बाद भी पूरी नहीं हो पा रही, जबकि तमाम खानापूर्ति सहित अधिकतर चयनित अभ्यर्थियों के मामले में दावा-आपत्ति तक की कवायद की जा चुकी है। सामने आया है कि परियोजना अधिकारियों ने समस्त प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद नियमानुसार नियुक्ति आदेश जारी करने की बजाय जबरन पेंच फंसाने के लिए फाइल जिला कार्यक्रम व महिला बाल विकास अधिकारी के कार्यालय पहुंचा दी है।
न सुनवाई, न आदेश-
लखनादौन, धूमा, बरघाट व छपारा परियोजना अंतर्गत 7 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 7 सहायिका के पदों की भर्ती के लिए मार्च माह में प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार अप्रैल माह में परियोजनाओं द्वारा आवेदन प्राप्त कर लिए गए थे। नियुक्ति के लिए जुलाई माह में चारों परियोजना कार्यालय में अनंतिम सूची जारी कर दी गई थी। बताया गया कि जिन केन्द्रों में आपत्ति आई थी उसकी जानकारी जिला कार्यालय भेजे जाने के बावजूद आज दिनांक तक सुनवाई नहीं की गई है, वहीं जिन केन्द्रों में आपत्ति नहीं आई थी, उन केन्द्रों की चयन सूची भी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी आज दिनांक तक जारी नहीं की गई है, जबकि दो माह से फाइल उनके कार्यालय में मौजूद है।
चक्कर काट रहीं महिलाएं-
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के पद पर नियुक्ति के लिए 18 से 45 वर्ष की उम्र निर्धारित रहती है। ये पद अस्थाई व मानदेय आधारित होते हंै, लेकिन इसके बावजूद ये पद कई महिलाओं व उनके परिवार के पालन पोषण में मददगार साबित होता है। लेकिन जिले में इस छोटे पद को लेकर भी अफसरशाही नियमों को ताक पर रखने से पीछे नहीं रहती। बताया गया कि जिनका चयन हुआ है वे परियोजना कार्यालय व जिला कार्यालय के चक्कर काट काटकर परेशान हैं। एक चयनित महिला 21 सितंबर को ओवरएज हो जाएगी, जिससे चयन के बावजूद 45 साल की उम्र हो जाने के कारण उसका नौकरी करने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। उक्त महिला अधिकारियों-बाबुओं के सामने गिड़गिड़ा रही। आंसू बहा रही, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं पड़ रहा।  
इनका कहना है-
यदि चयन प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए गए हैं तो इस संबंध में जानकारी तलब कर आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए जाएंगे।
- डॉ. राहुल हरिदास फटिंग, कलेक्टर

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