एक हजार किलोमीटर पैदल चलने के बाद सतना में प्रसूता को मिली जननी एक्सप्रेस 

एक हजार किलोमीटर पैदल चलने के बाद सतना में प्रसूता को मिली जननी एक्सप्रेस 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-13 13:19 GMT
एक हजार किलोमीटर पैदल चलने के बाद सतना में प्रसूता को मिली जननी एक्सप्रेस 

डिजिटल डेस्क  सतना। देश में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उदेश्य से संचालित केंद्र सरकार की जननी एक्सप्रेस यहां एक प्रसूता शकुंतला कोल को मिली भी तो तब, जब वह गोद में नवजात लिए पैदल ही अपने गांव बेलहाई के करीब पहुंच चुकी थी। ये वही शकुंतला है, जो 9 माह के गर्भ के बाद भी अपने पति राजेश और अन्य परिजनों के साथ नासिक से पैदल ही लगभग एक हजार किलोमीटर दूर अपने गांव बेलहाई (उचेहरा)के लिए निकल पड़ी थी। साथ में 2 से 5 साल के 4 और बच्चे भी उसके लिए एक बड़ी चुनौती थे।
 4 बच्चों के साथ 270 किमी की पदयात्रा 
बावजूद इसके शकुंतला आगे बढ़ती गई,तकरीबन 70 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा के बाद उसे प्रसव वेदना शुरु हुई। साथ की महिलाओं ने साडिय़ों की आड़ ली और पीपरगांव में सड़क किनारे प्रसव कराया। श्रमिकों का ये कारवां सिर्फ 2 घंटे के लिए जहां था,वहीं ठहर गया। और, फिर शुरु हुआ 170 किलोमीटर की लंबी यात्रा का एक और सफर...हैरत है, इस बीच शकुंतला को न तो कोई सरकारी मदद मिली और न ही मध्यप्रदेश के बिजासन बार्डर पर कोई कुशल क्षेम लेने आया। गनीमत थी, यहीं से इस परिवार को बस मिल गई। मंगलवार को जब शंकुतला का परिवार उसके घर बेलहाई से महज 2 किलोमीटर दूर इचौल पहुंची तो जच्चा-बच्चा को पहली बार भारत शासन की जननी एक्सप्रेस नसीब हुई। नवजात के साथ प्रसूता को उचेहरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
 जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य 
 इधर, यहां कोल दंपति से संपर्क साधने  को बेताब प्रशासन की कोई भी तरकीब काम नहीं आ रही थी। असल में शकुंतला के पति राजेश कोल के मोबाइल की बैटरी उतर चुकी थी। फोन स्विच ऑफ था। संपर्क का कोई और रास्ता भी नहीं था। इसी बीच किसी ने उचेहरा के ब्लॉक मेडिकल आफीसर डा.एके राय को शंकुतला के इचौल में देखे जाने की खबर दी। डा. राय ने तत्काल एम्बुलेंस भेजी और नवजात के साथ प्रसूता को मेडिकल चेकअप के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल कर दिया गया।  जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं।
 कलेक्टर ने दी 10 हजार की आर्थिक मदद 
 प्रकरण संज्ञान में आने पर कलेक्टर अजय कटेसरिया ने श्रमिक महिला शकुंतला को रेडक्रास सोसायटी के मद से 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भी प्रसूता को 2 किलो पौष्टिक लड्डू और अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई है।
 

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