अजित पवार ने कहा - इस बार नहीं होगी राज्यसभा चुनाव जैसी चूक

कौन करेगा चमत्कार अजित पवार ने कहा - इस बार नहीं होगी राज्यसभा चुनाव जैसी चूक

Tejinder Singh
Update: 2022-06-18 12:57 GMT
अजित पवार ने कहा - इस बार नहीं होगी राज्यसभा चुनाव जैसी चूक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव में भी चमत्कार होगा पर यह किसकी तरफ से होगा यह सोमवार को महाराष्ट्र की जनता को पता चलेगा। यह बात उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कही। पवार ने शनिवार को कहा कि महा विकास आघाडी के सभी उम्मीदवारी की जीत के लिए हमारी कोशिश है। राज्यसभा चुनाव के वक्त जो कुछ चूक हुई थी वह इस बार नहीं होगी। इस बार उम्मीदवारों का कोटा ज्यादा रखना का प्रयास किया जाएगा और इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि कोई वोट अवैध न हो। अजित ने कहा कि सभी विधायकों को वोट देने के तरीके अच्छी तरह से समझाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे दो विधायकों को मतदान की अनुमति नहीं मिल सकी पर इसकी भरपाई हम निर्दलीय विधायकों से करेंगे। राकांपा नेता ने कहा कि फिलहाल 284 विधायकों के मतदान की उम्मीद है। 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं तो एक की हार तय है। इस लिए चमत्कार तो होगा ही पर यह चमत्कार किसकी तरफ से होगा यह सोमवार को राज्य की जनता देखेगी। 

भाजपा के सभी उम्मीदवारों की होगी जीतः पाटील

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने दावा किया है कि महा विकास आघाडी के आपसी विवाद का फायदा भाजपा को मिलेगा और पार्टी के सभी पांच उम्मीदवारों की जीत होगी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत के लिए 11 वोट की जरुरत थी। लोग सवाल खड़े कर रहे थे कि इतने वोट कहां से आएंगे। लेकिन भाजपा को ये वोट मिले और हमारे उम्मीदवार की जीत हुई।   

विधान परिषद चुनाव में होते रहे हैं चमत्कार 

महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव को लेकर ‘चमत्कार’ के दावे चर्चा में हैं। दोनों तरफ से सोमवार को मतदान के दिन चमत्कार के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि इसके पहले भी राज्य में विधान परिषद चुनाव में ऐसे कई चमत्कार होते रहे हैं। 1996 में विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विलासराव देशमुख निर्दलीय उम्मीदवार लाल सिंह से चुनाव हार गए थे। 1995 में लातूर से विधानसभा चुनाव हारने के बाद देशमुख विधान परिषद के रास्ते विधायक बनना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे शिवसेना के समर्थन से बतौर निर्दलीय उम्मीदार चुनाव मैदान में उतरे थे। मतगणना के बाद पता चला कि देशमुख लाल सिंह से 0.59 मत से चुनाव हार गए। 11 बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले गणपतराव देशमुख भी 1996 के विधान परिषद चुनाव में हार गए थे। 1995 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद शेकाप ने उन्हें विधान परिषद चुनाव में उतारा था। लेकिन क्रास वोटिंग के चलते गणपतराव चुनाव हार गए थे। वर्ष 2010 में राज्य के मौजूदा परिवहन मंत्री अनिल परब को विधान परिषद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके पहले 2008 में हुए विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के पास पर्याप्त वोट होने के बावजूद पार्टी उम्मीदवार सुधाकर गणगणे हार गए थे।    

              
 

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