खाद्य विभाग के लायसेंस के बिना नहीं चलेगी वाईन शॉप, आबकारी विभाग को निर्देश जारी

खाद्य विभाग के लायसेंस के बिना नहीं चलेगी वाईन शॉप, आबकारी विभाग को निर्देश जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-02 07:47 GMT
खाद्य विभाग के लायसेंस के बिना नहीं चलेगी वाईन शॉप, आबकारी विभाग को निर्देश जारी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। शराब दुकानों को अब आबकारी विभाग के लायसेंस के साथ-साथ खाद्य एवं औषधि विभाग से लायसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। बिना लायसेंस के शराब दुकानों का संचालन नहीं किया जा सकेगा। इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी किए जा चुके हैं।

आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा आबकारी आयुक्त को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि देशी-विदेशी मदिरा की रिटेल दुकानों, बारों, भण्डार गृह और उत्पादकों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 31 के अंतर्गत फूड लायसेंस व पंजीयन कराया जाना आवश्यक है। खाद्य आयुक्त का यह पत्र इसी वर्ष मार्च के अंत में जारी किया गया था और इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने के आदेश जारी करने को कहा गया था।

शासन स्तर पर आबकारी विभाग ने कुछ किया हो न हो, लेकिन जिले के आबकारी विभाग के जिम्मेदार कुछ अलग ही दावे कर रहे हैं। जिले के आबकारी अधिकारियों का कहना है कि फूड लायसेंस सिर्फ डिस्टलरी यानि शराब उत्पादकों के लिए ही अनिवार्य किए गए हैं, न कि रिटेल शराब दुकानों के लिए। जबकि खाद्य विभाग के पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधनियम के तहत अल्कोहल पेय को भी खाद्य की परिभाषा में सम्मिलित किया गया है। अत: समस्त देशी-विदेशी मदिरा की रिटेल दुकानों, भंडार गृह, निर्माताओं को लायसेंस लेना होगा। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस बावत विधानसभा ध्यानकार्षण सूचना के माध्यम से सदस्यों ने सदन का ध्यान आकर्षित किया है।

जानकारों की मानें तो खाद्य विभाग के पत्र के बाद नियमानुसार सभी दुकान व बार संचलाकों को लायसेंस लेना आवश्यक है। जानकारों का कहना है कि जिले का आबकारी अमला सिर्फ डिस्टलरी के लिए ही लायसेंस अनिवार्य करने की बात कह रहा है। हालांकि, जो भी हो जिले के खाद्य एवं औषधि विभाग के अमले का कहना है कि वे जल्द ही लायसेंस चैकिंग करने का अभियान चलाएंगे। इस बीच यदि नियमानुसार लायसेंस नहीं मिले, तो संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

फूड लायसेंस क्यों जरुरी
जानकारों की मानें तो खाद्य एवं पेय पदार्थों के व्यवसाय से जुड़े सभी संचालकों को फूड लायसेंस लेना अनिवार्य होता है। दरअसल, उपभोक्ता के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए खाद्य विभाग कुछ निर्धारित मापदण्डों के अनुसार लायसेंस जारी करता है। लायसेंस धारकों को मापदण्डों के अनुरुप ही खाद्य एवं पेय पदार्थों का निर्माण या क्रय-विक्रय करना होता है। यदि इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्मानें और कारावास तक की सजा देने का प्रावधान है। जानकार बताते हैं कि शराब दुकानों व बारों के लिए लायसेंस अनिवार्य होने से गड़बडिय़ों पर रोक लगाई जा सकेगी।

 

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