एसएनसीयू में अलर्ट - गंभीर शिशुओं पर चिकित्सक रखें निगरानी, दिन में चार बार करें स्वास्थ्य परीक्षण

एसएनसीयू में अलर्ट - गंभीर शिशुओं पर चिकित्सक रखें निगरानी, दिन में चार बार करें स्वास्थ्य परीक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-03 11:35 GMT
एसएनसीयू में अलर्ट - गंभीर शिशुओं पर चिकित्सक रखें निगरानी, दिन में चार बार करें स्वास्थ्य परीक्षण

शहडोल में आठ शिशुओं की मौत के बाद एहतियात के तौर पर अस्पताल प्रबंधन ने जारी किया निर्देश
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।
शहडोल जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती आठ बच्चों की अचानक मौत से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। शहडोल की इस घटना के बाद छिंदवाड़ा जिला अस्पताल की एसएनसीयू में अलर्ट जारी किया गया है। नोडल अधिकारी ने चिकित्सकों के लिए आदेश जारी किए है कि यूनिट में भर्ती गंभीर शिशुओं पर सतत निगरानी रखें और हर बच्चे का प्रतिदिन चार बार स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
नोडल अधिकारी डॉ.सुशील राठी ने बताया कि बुधवार को सभी चिकित्सकों को हिदायत दी गई है कि यूनिट में भर्ती हर नवजात की तीन से चार बार स्वास्थ्य जांच कर उचित इलाज दें। केश सीट पर इलाज का पूरा विवरण लिखें। अतिगंभीर बच्चे का दो से तीन बार अतिरिक्त स्वास्थ्य परीक्षण करें और उसके पजिरन को बच्चे के स्वास्थ्य के संबंध में अवगत कराएं। सभी चिकित्सक व स्टाफ से कहा गया है कि इलाज में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
20 बेड की क्षमता, 30 मरीज बच्चे भर्ती
बीस बेड वाले एसएनसीयू में बुधवार को 30 शिशु भर्ती हैं। नोडल अधिकारी डॉ.सुशील राठी का कहना है कि बेड न होने की वजह से किसी बच्चे को यूनिट से लौटाया नहीं जा सकता। अभी बीस बीमार बच्चों को वार्मर में रखा गया है। यूनिट में रखे अतिरिक्त थैरेपी बेड में पांच बच्चें भर्ती है और पांच बच्चों को चिकित्सकों की देखरेख में मां के साथ रखा गया है।
कंट्रोल रूम में अनावश्यक नहीं रहेगा स्टाफ
नोडल अधिकारी ने निर्देश दिए है कि ड्यूटी के दौरान स्टाफ नर्स आउटवर्न और इनवर्न यूनिट में उपस्थित रहेंगी। कंट्रोल रूम में अनावश्यक रूप से कोई भी स्टाफ नहीं रहेगा। चिकित्सक द्वारा दिए गए इलाज को अविलम्ब लागू करें और केस शीट में समस्त जानकारी संधातिर करें। लापरवाही बरतने वाले स्टाफ पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
संभागीय टीम ने देखी व्यवस्थाएं
एसएनसीयू की मौजूदा व्यवस्थाओं का जायजा लेने बीते दिन जबलपुर से एक टीम छिंदवाड़ा पहुंची थी। टीम ने यूनिट में भर्ती बच्चों को दिए जाने वाले इलाज और व्यवस्थाएं देखी। टीम ने यूनिट में भर्ती शिशुओं के परिजनों से भी चर्चा की। टीम के सदस्यों ने यूनिट में और बेहतर व्यवस्था के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हंै।
 

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