पुरानी दोस्ती टूटने के बाद नए साथी की तलाश, फडणवीस ने कहा - एमएनएस की विचारधारा बदली तो गठबंधन संभव

पुरानी दोस्ती टूटने के बाद नए साथी की तलाश, फडणवीस ने कहा - एमएनएस की विचारधारा बदली तो गठबंधन संभव

Tejinder Singh
Update: 2020-01-09 13:24 GMT
पुरानी दोस्ती टूटने के बाद नए साथी की तलाश, फडणवीस ने कहा - एमएनएस की विचारधारा बदली तो गठबंधन संभव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कहावत पुरानी है ‘दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है।’ शिवसेना से भाजपा की दोस्ती टूटने के बाद भाजपा को एक मित्रदल की जरुरत महसूस हो रही है। पिछले दिनों मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात करने वाले विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि फिलहाल राज ठाकरे से गठबंधन संभव नहीं है। यदि वे अपनी विचारधारा बदलते हैं तो गठबंधन संभव है। राज ठाकरे से मुलाकात की बाबत पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि हमारी तो मुलाकात होती रहती है। राज के साथ गठजोड़ की बाबत पूछे जाने फडणवीस ने कहा कि फिलहाल  राज ठाकरे के साथ गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है। उनके साथ हमारा गठबंधन इस लिए नहीं हो सकता क्योंकि हमारे दल और उनकी विचारधारा अलग-अलग है। भाजपा नेता ने कहा कि मनसे अपनी विचारधारा बदलती है तो गठबंधन को लेकर चर्चा हो सकती है। बीते मंगलवार को फडणवीस और राज ठाकरे की गुप्त मुलाकात हुई थी। लोवर परेल के इंडिया बुल्स में हुई एक घंटे की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चा हुई।   

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रखर हिंदुत्ववाद की राजनीति करने वाली शिवसेना का धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिलाने के बाद अब महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी संभव है। कांग्रेस-राकांपा के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना के नेता लगातार इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जिससे उसकी हिंदुत्ववादी छवि को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि राज से हाथ मिलाने से पहले हमें दस बार सोचना होगा। महाराष्ट्र में भी उत्तरभारतीयों की बड़ी आबादी है जो फिलहाल भाजपा के साथ हैं। उन्होंने कहा कि यदि राज अपनी छवि बदलने के लिए तैयार हों तो कुछ हो सकता है पर इसके लिए उन्हें अपना उत्तरभारतीय विरोधी रवैया पूरी तरह से बदलना होगा। 

खुद को बदलना चाहती है मनसे

शिवसेना नेताओं को अब जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के मंच पर जाने से भी परेहज नहीं रहा। ऐसे में हासिए पर चल रही राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को अपने लिए संभावना नजर आ रही है और इस संभावना को हवा देने का काम सत्ता से चुकी भाजपा कर रही है। हालांकि भाजपा अभी राज ठाकरे से हाथ मिलाने से डर रही है। कारण है राज ठाकरे की उत्तरभारतीय विरोधी छवि। भाजपा का मुख्य बेस हिंदी पट्टी है और उत्तरभारत में राज ठाकरे की छवि उत्तरभारतीय विरोधी नेता की है।

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